आज के व्यस्त और भागदौड़ भरे लाइफस्टाइल में शरीर के साथ-साथ मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना भी जरूरी है। कामकाज और खानपान के बदलाव का सीधा असर हमारे दिमाग पर भी पढ़ता है। जैसे- तनाव, चिंता और मानसिक थकान हमारे दिमाग की कार्यक्षमता को धीमा कर सकते है और इससे जीवन पर भी असर पड़ता है। ऐसे में अपने डेली रूटीन में कुछ खास चीजों को शामिल करके आप न केवल अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, बल्कि दिमाग को कंप्यूटर से भी तेज बना सकते हैं। यहां हम उन चीजों के बारे में बात करेंगे, जिन्हें अपनाकर आप स्ट्रेस को अलविदा कह सकते हैं और अपनी मेंटल पावर को बढ़ा सकते हैं।
मेडिटेशन
मेडिटेशन या ध्यान मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का एक प्रभावी तरीका है। यह न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है। ध्यान करने से मस्तिष्क यानी दिमाग में ग्रे मैटर बढ़ता है, जो याददाश्त और फैसले लेने की क्षमता को बेहतर बनाता है। इसके अलावा यह स्ट्रेस हार्मोन, कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है। मेंटल हेल्थ के लिए प्रतिदिन 10-15 मिनट कर मेडिटेशन करना बहुत ही अच्छा होता है।
शारीरिक एक्टिविटी
शारीरिक व्यायाम का सीधा संबंध मानसिक स्वास्थ्य से है। नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करने से शारीरिक फिटनेस में भी सुधार होता है। इससे मेंटल हेल्थ अच्छा होता है। व्यायाम करने से एंडोर्फिन (खुश रहने वाले हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है। इसके अलावा यह मस्तिष्क में नई तंत्रिका कोशिकाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करता है, जो मानसिक थकान को कम करता है। शारीरिक एक्टिविटी का मतलब है कि रोज कम से कम 30 मिनट की सैर, योग या कोई अन्य एक्टिविटी करना, जिससे आपका मूड बेहतर होगा और एनर्जी मिलेगी।
हेल्दी डाइट
खानपान से भी मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है। संतुलित और पोषक आहार दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खाने से ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन बी और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व शरीर को मिलते है, जिससे दिमाग के लिए अच्छे होते हैं।
गाने सुने या गुनगुनाए
दिमाग को एक्टिव रखने के लिए गाना सुनना और गाना बहुत ही असरदार माना जाता है। तनाव को कम करने के लिए पसंदीदा और अच्छे गाने सुन सकते हैं। इससे फोकस करने की क्षमता बढ़ेगी और मूड अच्छा होगा।
एक स्टडी के अनुसार, जो लोग रात को 9 या 10 घंटे सोते हैं उन्हें कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या हो सकती है। ज्यादा देर तक सोने से चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसी समस्याएं अधिक होने की संभावना रहती है।