डायबिटीज एक ऐसा मेटाबॉलिक डिजीज है जिसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये बॉडी को बीमारियों का घर बना देती है। हाई ब्लड शुगर बॉडी में तरह-तरह के रोगों को बढ़ाने लगता है। इसका असर धीरे-धीरे लगभग हर अंग पर पड़ता है। लगातार ब्लड शुगर हाई होने से ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। शुगर लेवल ज़्यादा रहने से किडनी को फिल्टर करने की क्षमता प्रभावित होती है और धीरे-धीरे किडनी फेल्योर तक हो सकता है। हाई ब्लड शुगर रेटिना को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ता है। शुगर बढ़ने से नसें प्रभावित होती हैं, जिससे पैरों और हाथों में झनझनाहट, सुन्नपन और दर्द होता है।

अगर आपका ब्लड शुगर लेवल पूरा दिन हाई बना रहता है तो इसे आप नजरअंदाज न करें। अगर ब्लड शुगर का स्तर 250 mg/dL से ज्यादा रहता है और साथ ही बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो आप तुरंत ब्लड शुगर नॉर्मल करने की तरफ ध्यान दें। 

वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मुंबई सेंट्रल में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. प्रणव घोडी ने बताया अगर डायबिटीज मरीजों को लगातार बार-बार पेशाब आ रहा है,प्यास या थकान महसूस हो रही तो तुरंत मेडिकल एडवाइज लें। एक्सपर्ट ने बताया टाइप-1 डायबिटीज़ वाले लोगों को कीटोएसिडोसिस के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे पेट दर्द, मितली आना या सांस से फलों जैसी गंध आना। बॉडी में ये लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज की जरुरत होती है। अगर आपकी दिन भर ब्लड शुगर हाई रहती है तो उसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि दिन भर ब्लड शुगर हाई होने के कारण कौन-कौन से है और इसे कैसे कंट्रोल किया जाए।  

दिन भर ब्लड शुगर हाई होने का कारण

डॉ. घोडी ने बताया दिनभर ब्लड शुगर हाई होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे दवा को स्किप करना, खराब डाइट का सेवन करना,  डिहाइड्रेशन, तनाव और नींद की कमी। कई बार कुछ अंदरूनी संक्रमण होने की वजह से भी ब्लड में शुगर का स्तर पूरा दिन हाई हो सकता है। ब्लड शुगर हाई रहता है तो आप ग्लूकोमीटर से अलग-अलग समय पर रीडिंग लें। रीडिंग लेने के लिए आप फास्टिंग शुगर, खाने के बाद और सोने से पहले शुगर टेस्ट करें। एक्सपर्ट के अनुसार अलग-अलग समय पर डायबिटीज चेक करेंगे तो डॉक्टर को शुगर का पैटर्न समझने में मदद मिलती है।

ब्लड शुगर कंट्रोल करने में  शॉर्ट और लॉन्ग टर्म में ये टिप्स करेंगे मदद

दिन भर पानी पिएं

अगर आप ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो दिन भर पानी पिएं। पानी ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करेगा।  पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने में मदद करती है और ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।

हल्की बॉडी एक्टिविटी भी है जरूरी

ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करने के लिए बॉडी की हल्की एक्टिविटी भी जरूरी है। खाने के बाद थोड़ी वॉक करने से शुगर स्पाइक्स को कम किया जा सकता है। अगर आप थोड़ी-थोड़ी देर में हल्की वॉक करते हैं, तो पैंक्रियाज स्टिम्युलेट होता है और नेचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। आप सुबह के नाश्ते के बाद या फिर खाने के बाद कुछ देर वॉक करें। अपने जरूरी काम खुद करें बॉडी एक्टिव रहेगी और शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

बैलेंस डाइट का करें सेवन

डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए बैलेंस डाइट का सेवन करें। डाइट में फाइबर और प्रोटीन ज्यादा लें और रिफाइंड कार्ब कम लें। फाइबर रिच फूड धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड में शुगर का स्तर स्पाइक नहीं करता। फाइबर रिच फ्रूट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल रहेगा।

दवा को स्किप नहीं करें

अगर आप ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप दवा को स्किप नहीं करें। जानबूझकर दवा नहीं छोड़ें, अगर भूल जाते हैं तो रिमाइंडर लगाएं। अगर ब्लड शुगर लगातार हाई होता है तो समय रहते मेडिकल मदद लेना जरूरी है ताकि स्ट्रोक जैसे जोखिम से बचा जा सके।

सही मॉनिटरिंग भी है जरूरी

डॉ. घोडी कहते हैं दिनभर ब्लड शुगर हाई होता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करें। सही मॉनिटरिंग और समय पर मेडिकल मदद से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए  एक सरल लॉग रखें जिसमें खाने और दवा का समय नोट करें ताकि मिस्ड या लेट डोज़ की जांच हो सके। खाने की डिटेल, खासकर हाई-कार्ब मील्स, स्नैकिंग हैबिट्स या शुगर युक्त ड्रिंक की जानकारी रखें।

बॉडी एक्टिविटी लेवल नोट करें, क्योंकि ज्यादा समय तक बॉडी की एक्टिविटी नहीं होने से ब्लड शुगर हाई होने लगता है।  डॉ. घोडी बताते हैं कि यह रिकॉर्ड डॉक्टर को दवाइयों या इंसुलिन को सही तरह से एडजस्ट करने में मदद करता है। अक्सर ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं होने की असली वजह इन्हीं छोटी-छोटी लाइफस्टाइल डिटेल्स में छिपी होती है।

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