उम्र बढ़ने के साथ ब्रेन और बॉडी में कई तरह के बदलाव होते हैं। बढ़ती उम्र का असर न सिर्फ बॉडी को प्रभावित करता है बल्कि ब्रेन पर भी असर करता है। उम्र जैसे ही 50 को पार करती है तो बुजुर्गों को भूलने की बीमारी होने लगती है जिसे अल्जाइमर कहते हैं। अल्जाइमर रोग एक न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम है जो ब्रेन में कोशिकाओं की क्षति और उनके कार्यों में गड़बड़ी की वजह से होती है। इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं।
अल्जाइमर की परेशानी होने पर बॉडी में जो लक्षण दिखते हैं इसमें याददाश्त में गड़बड़ी होना, सोचने और निर्णय लेने में मुश्किल होना, कंफ्यूजन, भावनात्मक बदलाव,अनजान जगह पर भटकना, बोलने और बातचीत करने में परेशानी होना शामिल है। आप जानते हैं कि आप इस न्यूरोलॉजिकल समस्या से आसानी से बच सकते हैं।
हाल ही में हुए एक कनाडाई-अमेरिकी रिसर्च में ये बात सामने आई है कि नियमित व्यायाम संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाता है और मस्तिष्क की रक्षा करता है। रिसर्च के मुताबिक अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के जोखिम को कम करने में बॉडी एक्टिविटी बेहद प्रभाव डालती है। रिसर्च के मुताबिक अगर हफ्ते में दो दिन कुछ खास एक्सरसाइज की जाए तो आसानी से याददाश्त को बुढ़ापे तक मजबूत रखा जा सकता है।
ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल में न्यूरोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉ. अमित श्रीवास्तव ने रिसर्च पर सहमति जताते हुए बताया कि बॉडी की हल्की एक्टिविटी भी आपके ब्रेन की हेल्थ को लम्बे समय तक प्रभावित करती है। ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए कुछ एक्सरसाइज बेहद असरदार साबित होती हैं।अगर हफ्ते में दो दिन इन एक्सरसाइज को किया जाए तो ये मस्तिष्क की हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। आइए जानते हैं कि याददाश्त को दुरुस्त करने के लिए कौन-कौन सी चार एक्सरसाइज असरदार साबित हो सकती हैं।
वॉक कीजिए
अगर आप चाहते हैं कि आपकी याददाश्त दुरुस्त रहे तो आप रोजाना वॉक करें। रोजाना वॉक करने से आपको बुढ़ापे में होने वाली न्यूरोलॉजिकल परेशानी अल्जाइमर से बचाव होगा। बुढ़ापे में भी आप वॉक कीजिए आपकी याददाश्त ठीक रहेगी। वॉक करने से न सिर्फ बॉडी वेट कम होता है बल्कि ब्रेन की सेहत भी दुरुस्त रहती है।
एरोबिक एक्सरसाइज कीजिए
एरोबिक एक्सरसाइज जैसे जॉगिंग, साइकिल चलाना या स्विमिंग जैसी बॉडी एक्टिविटी आपके दिल की सेहत को दुरुस्त करती हैं। ये मस्तिष्क में ब्लड के सर्कुलेशन में सुधार करती हैं। अगर आप हफ्ते में दो दिन भी इस एक्सरसाइज को करते हैं तो आपकी याददाश्त मजबूत रहेगी।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें
कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि खासतौर पर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, अल्जाइमर के जोखिम को कम कर सकती है और ब्रेन की काम करने की क्षमता को बढ़ा सकती है। स्ट्रैंथ ट्रेनिंग वो एक्सरसाइज होती है जिसमें शरीर की पूरी ताकत लगती है जैसे कोई किसी दीवार में रस्सी बांध देता है और उसे अपनी ओर ताकत से खींचकर पुश अप करता है। वेटलिफ्टिंग भी एक तरह की स्ट्रैंथ ट्रैनिंग है। स्ट्रैंथ ट्रैनिंग करने से दिमाग में प्लास्टिसिटी बढ़ती है जिससे याददाश्त की क्षमता भी बढ़ जाती है।
योग और मेडिटेशन की जिए
योग और ध्यान न्यूरोप्लास्टिसिटी, मानसिक स्पष्टता और इमोशनल स्टेबिलिटी को बढ़ावा देते हुए तनाव और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप हफ्ते में दो से तीन बार इन चार एक्सरसाइज में से किसी को भी करते हैं तो आपकी याददाश्त ठीक रहेगी ।