वजन घटाना सुनने में जितना आसान लगता है, असल में यह उतना ही चुनौतीपूर्ण है। सिर्फ कम खाना और ज्यादा चलना हमेशा फायदा नहीं देता। कई लोग सालों तक डाइट, वर्कआउट और तुरंत रिजल्ट वाले प्लान आजमाते रहते हैं, लेकिन अक्सर निराशा, थकान और कई बार बढ़ते वजन के रूप में सामने आता है। ऐसे में अगर आप भी वजन कम करना चाहते हैं, तो फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच लियाम टोफम ने कुछ गलतियां बताई हैं, जिन्हें वजन कम करने वाले अक्सर करते हैं, जिसके चलते मन चाह रिजल्ट नहीं मिल पाता।

फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच लियाम टोफम के मुताबिक, वजन घटाने का सफर जल्दी रिजल्ट की बजाय संतुलित डाइट, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और सही प्लानिंग पर निर्भर करता है। फिटनेस कोच लियाम टोफम के अनुभव बताते हैं कि अगर आप इन सामान्य गलतियों से बचेंगे तो न सिर्फ वजन कम होगा, बल्कि मानसिक और शारीरिक सेहत भी बेहतर बनेगी।

नाश्ता छोड़ना

लियाम ने बताया कि उन्होंने कैलोरी कम करने के लिए लंबे समय तक ब्रेकफास्ट स्किप किया, लेकिन रिसर्च कहती है कि यह वजन घटाने में मदद नहीं करता। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नाश्ता ब्लड शुगर स्थिर रखने, भूख कंट्रोल करने और मसल्स को सपोर्ट करने में मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार, नियमित नाश्ता करने वाले लोग, नाश्ता छोड़ने वालों की तुलना में मोटापे के कम शिकार होते हैं।

बहुत कम कैलोरी या एक्सट्रीम लो-कार्ब डाइट

जल्दी रिजल्ट पाने के लिए कई लोग अत्यधिक कैलोरी कट या फैड डाइट जैसे क्रैश डाइट, कीटो आदि अपनाते हैं। लियाम ने भी ऐसा किया, लेकिन नतीजा निकला थकान, मसल्स लॉस और स्लो मेटाबॉलिज्म, जिससे वजन दोबारा बढ़ना आसान हो जाता है। रिसर्च के मुताबिक, बहुत कम कैलोरी डाइट रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट को कम कर देती है, जिससे वजन बनाए रखना मुश्किल होता है।

जल्दी-जल्दी खाना और पेट भरने तक ठूसना

तेजी से खाना खाने पर दिमाग को पेट भरने का सिग्नल देर से मिलता है, जिससे जरूरत से ज्यादा कैलोरी खा ली जाती है। ऐसे में हर निवाले को अच्छे से चबाना और बीच-बीच में रुकना आवश्यक है। इससे पेट भरने का एहसास समय पर होता है और ओवरईटिंग से बचाव होता है।

हेल्दी लेबल वाले बार्स

प्रोटीन बार्स, सीरियल्स या मील-रिप्लेसमेंट पैकेट्स सुविधाजनक तो हैं, लेकिन इनमें अक्सर हाई कैलोरी और प्रोसेस्ड शुगर होती है। लियाम के मुताबिक, फल, दही, अंडे और होल फूड्स को रोजमर्रा के लिए बेहतर विकल्प मानते हैं और बार्स को सिर्फ ट्रैवल या इमरजेंसी के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।

प्लानिंग न करना और बाहर का फूड लेना

बिना प्लानिंग के दिन बिताने पर भूख लगने पर इंसान अक्सर जंक फूड चुन लेता है। रिसर्च के मुताबिक, मील प्रीप और बैच कुकिंग करने वाले लोगों की डाइट क्वालिटी बेहतर होती है और मोटापे का खतरा कम रहता है।

किचन में जंक फूड स्टॉक रखना

घर में अगर कोल्ड ड्रिंक, चिप्स या मीठे स्नैक्स सामने रखे हों तो उन्हें खाना लगभग तय है। रिसर्च के अनुसार, होम फूड एनवायरनमेंट यानी घर में दिखने और उपलब्ध खाने का सीधा असर हमारी डाइट पर पड़ता है। ऐसे में जंक फूड को हटाकर फल, नट्स और हेल्दी स्नैक्स को आसान पहुंच में रखें।

सिर्फ वर्कआउट पर निर्भर रहना

कई लोग सोचते हैं कि घंटों जिम में पसीना बहाने से वजन कम हो जाएगा, लेकिन खराब डाइट के साथ वर्कआउट का असर सीमित रहता है। वजन को कम करने के लिए डाइट और एक्सरसाइज के बैलेंस पर जोर देना जरूरी है।

नींद और रिकवरी को नजरअंदाज करना

वजन घटाने के लिए पर्याप्त 7–8 घंटे की नींद जरूरी है। नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाला हार्मोन (घ्रेलिन) बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।

वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।