मौसम तेज़ी से बदल रहा है इस मौसम में सर्दी खांसी तो परेशान कर ही रहा है, उसके साथ ही छाती में बेलगाम बेहद परेशान कर रहा है। खांसी के साथ बालगम आना चेस्ट कंजेशन है। चेस्ट कंजेशन के लक्षणों की बात करे तो इस परेशानी में साफ हरे या गहरे पीले रंग का बलगम खांसी के साथ आता है। खांसी के साथ सीने में जकड़न गले में खराश,ठंड लगना, सिर दर्द होना, बुखार आना, सांस फूलना, सांस के साथ घरघराहट की आवाज़ आना और सांस लेने में कठिनाई होने जैसे लक्षण दिखते हैं।

बदलते मौसम में चेस्ट कंजेशन का सबसे बड़ा कारण सर्दी-जुकाम की परेशानी होने पर फेफड़ों में कफ जमा होना है। फेफड़ों में बलगम जमा होने के कई अन्य कारण हैं जैसे मौसम में बदलाव होना,संक्रमण होना,म्यूकस मेम्ब्रेन का ओवरप्रोडक्शन होना जिसकी वजह से फेफड़ों में बलगम और कफ जमा होने लगता है। जब बैक्टीरिया या वायरस झिल्लियों को परेशान करते हैं, सूजन पैदा करते हैं तो वो अधिक बलगम का उत्पादन करते हैं। जलन को दूर करने और सूजन को कम करने के लिए हमारी बॉडी अतिरिक्त कफ पैदा करती है। यह कफ जमा हो सकता है और छाती में जमाव पैदा कर सकता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक सर्दी के मौसम में कफ और वायु बढ़ने लगता है। नाक बंद रहती है और छाती बलगम से भर जाती है तो सबसे पहले आप नाक में सरसों का तेल डालें और कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाएं। आइए योग गुरु से जानते हैं कि छाती में बलगम का इलाज कैसे करें।

नाक में शदबिंदू तेल डालें

बंद नाक को खोलने के लिए और सीने को साफ करने के लिए आप नाक में औषधीय गुणों से भरपूर शदबिंदू तेल की कुछ बूंदें डालें। ये हर्बल तेल साइनोसाइटिस और साइनस के संक्रमण का इलाज करता है। यह तेल आयुर्वेद में इस्तेमाल किए जा रहे नास्या तेलों में से एक है। आयुर्वेद के मुताबिक शदबिंदू तेल एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका इस्तेमाल नासा पंचकर्म थेरेपी में किया जाता है।

सर्दी में च्यवनप्राश जरूर खाएं

सर्दी जुकाम और छाती में बलगम की परेशानी को दूर करने के लिए आप इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करें। इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करने के लिए आप रोज़ाना च्यवनप्राश का सेवन करें। रोजाना सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ आप च्यवनप्राश का सेवन करें, ठंड के मौसम में वायरल इन्फेक्शन से बचाव होगा।

गिलोय का सेवन करें

अगर आप सीने में जकड़न,खांसी,बलगम और बुखार से परेशान हैं तो आप गिलोय का सेवन करें। औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण मौजूद होते हैं जो खांसी और बलगम को दूर करते हैं और बुखार का इलाज करते हैं। गिलोय का सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और बीमारियां जल्दी दूर होती है। गिलोय का सेवन करने के लिए आप उसका काढ़ा बनाकर उसका सेवन करें। गिलोय को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं और उसमें शहद डालकर उसका गुनगुना ही सेवन करें।

प्रणायाम जरूर करें

रेस्पिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए प्रणायाम से बेहतर कुछ भी नहीं है। रेगुलर प्रणायाम कपालभाति,सूर्यनमस्कार जैसे प्रणायाम कीजिए आपको तुरंत राहत मिलेगी।