Immunity Booster Food: इस कोरोना काल में हर कोई अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने की तमाम कोशिश कर रहा है। इस खतरनाक वायरस का इलाज विश्व के अलग-अलग हिस्सों में वैज्ञानिक ढूंढ़ने में जुटे हुए हैं। वर्तमान में बचाव और सतर्कता से ही लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं। अब तक के अध्ययन से हेल्थ एक्सपर्ट्स इस वायरस को ऑटो इम्युन डिजीज बता रहे हैं। यही कारण है कि लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। इम्युनिटी बूस्टर फूड और ड्रिंक्स की कड़ी में जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चीज सामने आयी है वो है काढ़ा का सेवन। अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए ज्यादातर लोग तुलसी पत्ता, दालचीनी, अदरक जैसी आयुर्वेदिक औषधियों से बनाए गए काढ़े को पी रहे हैं। ऐसे में इनसे होने वाले नुकसानों के बारे में जानना भी जरूरी है।
क्या हो सकते हैं नुकसान: विशेषज्ञों के अनुसार काढ़ा में किन चीजों का इस्तेमाल किस मात्रा में किया जाना चाहिए, ये इस बात पर निर्भर करता है कि पीने वालों की उम्र कितनी है। साथ ही उसके संपूर्ण स्वास्थ्य और मौसम के अनुरूप भी काढ़ा का सेवन करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर लोगों को ये 5 स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं-
1. नाक से खून बहना
2. मुंह में छाले हो सकते हैं
3. अपच
4. एसिडिटी<br />5. पेशाब करने में दिक्कत
पित्त और वात्त दोष वाले रखें खास ख्याल: कफ दोष से पीड़ित लोगों के लिए काढ़े का सेवन फायदेमंद होता है जबकि पित्त और वात्त दोष वाले लोगों को इससे नुकसान का खतरा रहता है। इसमें मौजूद तत्व जैसे कि काली मिर्च, दालचीनी, सूखा अदरक का पाउडर यानि कि सोंठ इन दोषों से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि काढ़ा में इन तत्वों की मात्रा सीमित हो।
ज्यादा काढ़ा पीने से भी हो सकता है नुकसान: काढ़ा बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आम सामग्रियों में काली मिर्च, गिलोय, सोंठ, अश्वगंधा, हल्दी, अदरक, इलायची, लौंग और दालचीनी शामिल हैं। ये सभी तत्व शरीर में गर्मी पैदा करते हैं। ऐसे में जरूरत से ज्यादा काढ़ा पीने पर लोगों को कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी: काढ़ा बनाते समय, इसे बनाने के लिए उपयोग की जा रही जड़ी-बूटियों और मसालों की मात्रा के बारे में जानकारी होना जरूरी है। अगर आपको लगे कि जो काढ़ा आपने बनाया है वो आपके स्वास्थ्य को सूट नहीं कर रहा है तो आप इसमें दालचीनी, काली मिर्च, अश्वगंधा और सोंठ की मात्रा कम कर सकते हैं।