World Hypertension Day: हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जो दिल के रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है। जब ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या उससे अधिक होता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। बीपी हाई होने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं। तेज सिरदर्द, दिल की धड़कन तेज होना या नाक से खून आना जैसे लक्षण हाई ब्लड प्रेशर के हैं। सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम की प्रमुख सलाहकार, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.आस्था दयाल ने बताया है कि हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी अब युवा महिलाओं में तेजी से बढ़ती जा रही है। इस बीमारी के लिए पूरी तरह खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल,तनाव और मोटापा जिम्मेदार है।
लेकिन कुछ रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की बढ़ती बीमारी का लिंक पीरियड से भी जुड़ा है। रिसर्च के मुताबिक पीरियड्स के दौरान महिलाओं का ब्लड प्रेशर बदल जाता है। यह मासिक धर्म की शुरुआत में हाई और 17वें-26वें दिन के दौरान कम होता है। 20 साल पुराने एक अध्ययन में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और हाई ब्लड प्रेशर के बीच संबंध दिखाया गया है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पीरियड कैसे महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल पर असर डालता है।
पीरियड कैसे महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित करता है:
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, नवी मुंबई में सलाहकार,प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ बंदिता सिन्हा ने मेंस्ट्रुअल साइकिल पर हाई बीपी के प्रभाव के बारे में बताया है। जब बीपी हाई होता है तो यह गर्भाशय सहित शरीर में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह क्षति गर्भाशय और अंडाशय में रक्त के प्रवाह को प्रभावित कर सकती है, जिससे अनियमित पीरियड, भारी रक्तस्राव या यहां तक कि पीरियड बंद भी हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।
रिसर्च से जानिए बीपी और पीरियड साइकिल का क्या है संबंध:
डॉ दयाल ने indianexpress.com को बताया कि प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या PMS वाली महिलाओं में हाई बीपी होने की संभावना 40 प्रतिशत अधिक होती है। कुछ छोटे अध्ययनों से यह भी पता चला है कि पीरियड्स की शुरुआत कम उम्र में होने का संबंध जवानी में हाई बीपी होने से जुड़ा है। एक और रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जिन महिलाओं को अक्सर हैवी ब्लीडिंग रहती है उनमें उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अतिरिक्त क्रॉनिक हाईपरटेंशन वाली महिलाओं में हैवी और अनियमित पीरियड का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा महिलाओं में कुछ अंतर्निहित स्थितियां जैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, और हार्मोनल असंतुलन अनियमित पीरियड का कारण बन सकता हैं। उम्र बढ़ने पर ये हाई बीपी का कारण भी बन सकती हैं। डॉ. दयाल ने चेताया कि हाई बीपी सीधे मैंसट्रुअल साइकिल को प्रभावित नहीं कर सकता। एक्सपर्ट ने बताया कि हाई बीपी की दवाएं महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित कर सकती हैं और अनियमित चक्र या प्रवाह में बदलाव का कारण बन सकती हैं।