जब किसी कारणवश मां का दूध बच्चे को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता, तब फॉर्मूला मिल्क पिलाया जाता है, क्योंकि फॉर्मूला मिल्क को सबसे सेफ माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कई बार स्वास्थ्य, निप्पल में इंफेक्शन और कई अन्य कारणों से नई माएं शिशु को दूध नहीं पिला पाती हैं। ऐसे में फॉर्मूला मिल्क देने की सलाह जाती है, लेकिन फॉर्मूला मिल्क पिलाने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। जैसे फॉर्मूला मिल्क बनाने और उपयोग में लाने का सही समय, क्योंकि ये गलत तरीके से या लंबे समय बाद पिलाया जाए तो इससे बच्चे की हेल्थ पर फायदे की जगह नुकसान हो सकते हैं। ईएसआई, अस्पताल, दिल्ली, गाइनेकोलॉजिस्ट, डॉ. संघमित्रा ने फॉर्मूला मिल्क बनाने के बाद कितनी देर में बच्चे को पिला सकते हैं?
डॉ. संघमित्रा का कहना है कि फॉर्मूला मिल्क को तैयार करने में की जाने वाली छोटी सी गलती शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। बच्चे के लिए फॉर्मूला मिल्क बनाते समय में कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि फॉर्मूला मिल्क बनाकर बच्चे को पिलाया है और बच्चा बोतल को झूठा कर चुका है, तो उस दूध को एक घंटे के अंदर ही इस्तेमाल कर लेना चाहिए।
फॉर्मूला मिल्क कितनी देर में पिलाना चाहिए?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, फॉर्मूला मिल्क को बनाने के बाद किसी साफ और स्टरलाइज्ड बोतल में रखा है और बच्चे ने उस बोतल से दूध नहीं पिया है यानी बोतल झूठी नहीं हुई है, तो वह दूध 2 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। फॉर्मूला मिल्क फिर से गरम करके या स्टोर करके देना बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो बच्चे की आंतों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
फॉर्मूला मिल्क बनाने तरीका
फॉर्मूला मिल्क बनाने के कुछ सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर बच्चे की हेल्थ पर असर पड़ सकता है। इससे बच्चे को कई तरह की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। फॉर्मूला मिल्क बनाते समय हाथों को अच्छी तरह धो लें और साफ-सुथरे बर्तन का इस्तेमाल करें। फॉर्मूला पाउडर को ठीक माप में डालें यानी जैसा पैक पर निर्देश दिया गया है। उबले हुए गुनगुने पानी में पाउडर मिलाएं। बोतल को अच्छे से हिलाकर पाउडर को पूरी तरह घोल लें। इसके साथ ही बच्चे को पिलाने से पहले दूध की गर्मी चेक करें। हथेली पर कुछ बूंदें डालकर देख लें कि बहुत गर्म तो नहीं।
किन बातों का रखें ध्यान
बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिलाने से पहले बोतल और निप्पल की साफ-सफाई अच्छे से करनी चाहिए। फॉर्मूला मिल्क पिलाने के बाद बोतल, निप्पल और रिंग को गर्म पानी में धोकर स्टरलाइज करें। दिन में एक बार इन सभी को बॉयल करना या स्टीम स्टरलाइजर से साफ करना चाहिए है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक, बच्चे के जीवन के पहले 12 महीने यानी 1 साल तक किसी भी प्रकार की एडेड शुगर का सेवन नहीं करवाना चाहिए।