प्रेग्नेंसी प्लान करना किसी भी महिला के लिए काफी सुखद अहसास होता है,लेकिन इस अहसास के साथ 9 महीनों का लम्बा सफर भी जुड़ा है। इस दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। इस दौरान महिलाओं को पाचन संबंधी परेशानियां बेहद परेशान करती हैं। अधिकांश गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के किसी न किसी चरण पर पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा हॉर्मोनल बदलाव और गर्भ में बढ़ते शिशु की वजह से पेट पर पड़ने वाले दबाव की वजह से होता है।
सहगल नियो हॉस्पिटल, नई दिल्ली की ऑब्स्टेट्रिक्स एण्ड गायनीकोलॉजी डॉ.अल्का जैन ने कहा गर्भावस्था में एसिड रिफ्लक्स बहुत आम होता है। ज्यादातर महिलाओं में इसके लक्षण हल्के होते हैं और इन पर काबू किया जा सकता है, हालांकि इसमें असहजता हो सकती है। अगर ये समस्या लंबे समय तक रहे या उसे नियंत्रित करना कठिन हो, तो डॉक्टर से जरुर सलाह लें।
एबॅट में मेडिकल अफेयर्स के डायरेक्टर डॉ. जेजॉय करन कुमार ने बताया कि हर महिला का प्रेग्नेंसी पीरियड अलग होता है। गर्भावस्था के दौरान एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न होना महिलाओं को होने वाली आम परेशानी है, जिससे छाती में जलन महसूस होती है। यह परेशानी 30 से 50% प्रेग्नेंट महिलाओं में देखी जा सकती है। देखा गया है कि 80% महिलाओं को उनके तीसरे ट्राइमेस्टर में ये परेशानी ज्यादा प्रभावित करती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर इस दौरान लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए और खान-पान का ध्यान रखा जाए तो आसानी से एसिड रिफ्लक्स की समस्या का उपचार किया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस परेशानी से बचने के लिए लाइफस्टाइल और खान-पान में कौन-कौन से बदलाव करें।
एसिडिटी के कारणों से बचें:
एसिडिटी का कारण बनने वाली चीजें न खाएं। इनमें आमतौर पर शामिल हैं फैटी,तले हुए,मसालेदार फूड्स,चॉकलेट,मिंट और ज्यादा एसिडिक कंटेन्ट वाली चीजें जैसे कि संतरे, मौसमी, नींबू और अंगूर। इसके अलावा, कैफीन वाले और कार्बोनेटेड पेयों से परहेज करें।
धूम्रपान और शराब से परहेज़ करें:
गर्भावस्था में धूम्रपान और शराब का सेवन करने से परहेज करें,आपकी ये आदतें आपको अपच का शिकार बना सकती हैं और आपके बच्चे की सेहत को भी प्रभावित कर सकती हैं।
हेल्दी डाइट लें:
हेल्दी डाइट का सेवन करके आप प्रेग्नेंसी में अपनी बॉडी को हेल्दी रख सकते हैं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें, क्योंकि
ज्यादा मात्रा में खाना खाने से हार्टबर्न के लक्षण बिगड़ सकते हैं। खाना खाते समय सीधे बैठें, ताकि आपके पेट
पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
अपनी सोने की आदतें बदलें:
खाने के बाद सोने के लिए तीन घंटे रुकें। देर रात खाने से बचें।नींद लेने के वक्त में अनियमितता या कम नींद लेने से एसिडिटी हो सकती है, इसलिये हर रात कम से कम छह से सात घंटे की नींद जरूर लें।
राहत देने वाली चीजों को पहचानें:
हार्टबर्न से राहत पाने के लिए जीवनशैली में बदलाव करें। अगर लाइफस्टाइल में बदलाव करने से लक्षण ठीक न हों तो आप एसिडिटी के लिये एंटासिड दवाएं ले सकते हैं। आपको एसिडिटी के लक्षण हैं, तो डॉक्टर को दिखाना हमेशा सबसे बढ़िया रहता है। यह सभी उपाय गर्भावस्था में आपकी एसिडिटी को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।