Uric Acid Test: जब किडनी शरीर से यूरिक एसिड को बाहर नहीं निकाल पाती है तो बॉडी में इसकी मात्रा भी बढ़ जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक खानपान, मोटापा, डायबिटीज, दवाइयां और शराब का अत्यधिक सेवन शरीर में यूरिक एसिड बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। हाई यूरिक एसिड के कारण गाउट, अर्थराइटिस, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी डैमेज जैसी बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है। ऐसे में समय पर इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में जानना और समाधान पाना जरूरी है।
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना खतरनाक हो सकता है, इस स्थिति को हाइपरयूरिसेमिया कहते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिक एसिड टेस्ट के जरिये शरीर में इसकी मात्रा का पता चल सकता है। अनियंत्रित यूरिक एसिड मात्रा का पता करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लड टेस्ट या फिर यूरिन टेस्ट के लिए बोल सकते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यूरिक एसिड के मरीज किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो इसके बारे में यूरिन टेस्ट से पहले डॉक्टर को बताएं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दवाइयां टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। हो सकता है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ टेस्ट से कुछ दिन पहले आपको इसका सेवन करने से मना कर दें। साथ ही, टेस्ट से पहले और बाद में एक्सपर्ट्स शराब के सेवन से भी परहेज करने की सलाह देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिन में नॉर्मल यूरिक एसिड का लेवल 24 घंटे में 250 से 750 मिलीग्राम हो सकता है। इससे ज्यादा होने के पीछे कई चीजें जिम्मेदार होती हैं। गाउट, किडनी रोग, मोटापा, प्यूरीन की अधिकता, लिवर रोग. बोन मैरो डिसॉर्डर और कैंसर जैसी स्वास्थ्य परेशानियों की वजह से यूरिन में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है।
वहीं, गठिया और किडनी रोगियों को भी ब्लड टेस्ट की सलाह दी जा सकती है। एल्कोहल, कुछ दवाइयां, विटामिन-सी और एक्सरे में इस्तेमाल होने वाले डाय टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित करते हैं। ऐसे में इनके बारे में अपने चिकित्सक को बताएं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि महिलाओं और पुरुषों में यूरिक एसिड का लेवल अलग-अलग हो सकता है। महिलाओं में 1.5 से 6.0 mg/dL और पुरुषों में इसका स्तर 2.5 से लेकर 7.0 mg/dL हो सकता है। अगर टेस्ट रिजल्ट में यूरिक एसिड का स्तर अधिक होता है तो परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
बता दें कि यूरिक एसिड के लक्षण जैसे कि हाथ-पैरों में असहनीय दर्द, उठने-बैठने में दिक्कत और जोड़ों में दर्द-सूजन की शिकायत हो सकती है।