हेल्दी और फिट शरीर के लिए सिर्फ प्रोटीन ही जरूरी नहीं है, बल्कि कई मिनरल्स और पोषक तत्वों की जरूरत होती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग सिर्फ प्रोटीन इनटेक पर ध्यान देते हैं, लेकिन अक्सर फाइबर को नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि फाइबर हमारी डाइट का उतना ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जितना प्रोटीन। शरीर में फाइबर की सही मात्रा होने से यह पाचन सुधारने, गट हेल्थ मजबूत करने, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करता है।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. जोसेफ सालहाब ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रोटीन को बिना छोड़े फाइबर की मात्रा को कैसे बढ़ा सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि 95% लोग अपनी डाइट में पर्याप्त फाइबर नहीं लेते, जबकि हर इंसान को रोजाना कम से कम 30 से 35 ग्राम फाइबर जरूरी है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अक्सर लोग मानते हैं कि अगर वे प्रोटीन पर ध्यान देंगे तो फाइबर कम हो जाएगा। जबकि सच यह है कि कई ऐसे फूड्स हैं जो प्रोटीन और फाइबर दोनों से भरपूर होते हैं। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करना आसान होने के साथ-साथ हेल्दी भी है।
दालें और फलियां
दाल और फली दोनों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है। मसूर दाल, चना, राजमा, काले चने, मूंग और मटर ऐसे फूड्स हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है। ये ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखते हैं, कोलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाते हैं और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं। रोजाना कम से कम एक बार दाल या फलियों को अपने खाने में जरूर शामिल करें।
बीज और मेवे
बीज और मेवे दिखने में जितने छोटे होते हैं, ये उतने ही बढ़ा धमाका करते हैं। चिया सीड्स, अलसी, हेम्प सीड्स, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, बादाम और मूंगफली ये सब बेहद पौष्टिक होते हैं। इनमें फाइबर, हेल्दी फैट और प्रोटीन तीनों भरपूर मात्रा में होता है। नियमित रूप से इनके सेवन से गट हेल्थ सुधारती है और कब्ज से राहत मिल सकती है। ये एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करते हैं।
साबुत अनाज
साबुत अनाज सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं। क्विनोआ, ओट्स, जौ, बुलगर, कुट्टू, फरो और मल्टीग्रेन ब्रेड में फाइबर और प्रोटीन दोनों की भरपूर मात्रा होती है। ये धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता और लंबे समय तक एनर्जी देते हैं। इसके अलावा हार्ट हेल्थ और पाचन दोनों फायदा मिलता है।
सोया और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन
टोफू, टेम्पेह और सोया प्रोटीन पाउडर ऐसे विकल्प हैं, जिन्हें आसानी से डाइट में शामिल किया जा सकता है। ये लो-फैट और हाई-प्रोटीन सोर्स हैं। इनमें अच्छा-खासा फाइबर भी मौजूद होता है। ये हार्मोनल बैलेंस और मसल्स रिपेयर दोनों में मदद करते हैं।
हरी सब्जियां
नेचुरल फाइबर और मिनरल्स का मात्रा को पूरा करने के लिए हरी सब्जियों का सेवन बहुत लाभकारी होता है। फाइबर की बात हो और हरी सब्जियां शामिल न हों, यह संभव नहीं। ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पालक, आर्टिचोक और मटर फाइबर और मिनरल्स का शानदार स्रोत हैं। इससे कब्ज और गैस की समस्या कम होती है। इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके साथ ही शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।