बच्चे के पैदा होने से लेकर एक से दो साल तक बच्चा बिस्तर में ही यूरिन करता है। धीरे-धीरे जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है वो यूरिन कहां डिस्चार्ज करना है उसे समझने लगता है। 2-3 साल के बीच बच्चा यूरिन आने पर पैरेंट्स को बताने लगता है। लेकिन कुछ बच्चे 5-6 साल की उम्र में भी पेशाब बिस्तर पर ही करते हैं। उन्हें पता नहीं चलता और उनका बिस्तर पर ही पेशाब निकलने लगता है।

उम्र बढ़ने पर बच्चे का बिस्तर में पेशाब करना ठीक नहीं है। कुछ बच्चे 8-10 साल की उम्र तक भी बिस्तर पर ही पेशाब करते हैं। बच्चों के बिस्तर पर पेशाब करने को बेड वेटिंग भी कहा जाता है। खासकर बच्चे रात को सोते समय हमेशा बिस्तर गीला करते हैं। आपका बच्चा भी अक्सर रात को बिस्तर गीला करता है तो ये एक परेशानी है।

आपका बच्चा पेशाब को समझता है लेकिन फिर भी रात को बिस्तर गीला करता है तो इस परेशानी को हल्के में नहीं लीजिए। आइए बाबा रामदेव से जानते हैं कि इस परेशानी का कारण क्या है और उसका उपचार कैसे करें।

च्चे के बिस्तर में पेशाब करने के कारण: बच्चा अक्सर रात को बिस्तर में पेशाब करता है तो उसका कारण मूत्राशय का पर्याप्त विकसित नहीं होना हो सकता है। जिन बच्चों की यूरिन को कंट्रोल करने वाली नसें मैच्योर नहीं होती उनकी पेशाब आने पर नींद नहीं खुलती। जब बच्चा गहरी नींद में होता है तो खासकर तब बच्चा पेशाब बिस्तर में कर देता है। कुछ बच्‍चों के शरीर में पर्याप्त मूत्र-रोधी हार्मोन नहीं बन पाते हैं जिसकी वजह से वो बिस्तर में पेशाब कर देते हैं।

बच्चा बिस्तर में पेशाब करता है तो बाबा रामदेव के मुताबिक ऐसे करें इलाज।

  • आपका बच्चा 5-6 साल का हो गया है लेकिन फिर भी बिस्तर गीला करता है तो रात को सोते समय बच्चे की छोटी उंगली को दबाएं। उंगली को दबाने से बच्चा पेशाब पर कंट्रोल करना सीखेगा।
  • पेशाब की परेशानी ज्यादा है तो बच्चे को चंद्रप्रभावाटी की गोली खिलाएं। छोटे बच्चे को आधी और बड़े बच्चे को पूरी गोली खिलाएं। इस दवाई से बच्चे को यूरिन की परेशानी नहीं होगी।
  • बच्चे को यूरिन की परेशानी है तो खजूर का दूध पीलाएं। खजूर को दूध में डाले और उसे रात भर भीगो दें। सुबह उठकर उस दूध को उबालें और उसकी खजूर बच्चे को चबाकर खाने को कहें और दूध को ठंडा करके बच्चे को पिलाएं। खजूर का दूध बिस्तर गीला करने की परेशानी से निजात दिलाएगा।
  • बच्‍चे को बाथरूम और टॉयलेट ट्रेनिंग दें।