Blood Sugar Range: आमतौर पर आपने देखा होगा कि डायबिटीज रोगियों को डॉक्टर्स ब्लड शुगर चार्ट प्रदान करते हैं जिससे वो अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकें। इस चार्ट के अनुसार ही मरीजों को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल प्लान करना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा भी बढ़ने लगती है।

इसके अलावा, रक्त शर्करा का स्तर आपने किस समय लिया है, जांच से पहले क्या खाया है ये भी प्रभावित करता है। बुजुर्गों के लिए ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना काफी चिंताजनक हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वरिष्ठ लोगों में शुगर लेवल कितना होना चाहिए।

कितना शुगर लेवल है नॉर्मल: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 65 साल के लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL के बीच और सोते समय ब्लड शुगर का स्तर 150 mg/dL से अधिक नहीं होना चाहिए। बढ़ती उम्र के साथ लोगों का शरीर कमजोर होने लगता है और साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है। ऐसे में अगर बुजुर्गों में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित नहीं रहेगा तो कई दूसरी बीमारियों से घिरने का खतरा बढ़ जाता है।

क्या हो सकता है खतरा: 65 की उम्र से अधिक के वो लोग जो डायबिटीज से ग्रस्त हैं उन्हें किडनी संबंधी समस्याएं, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह रोगियों में यूरिन पास होने के मार्ग में एल्ब्यूमिन प्रोटीन का रिसाव होने लगता है। इस कारण किडनी ब्लड को ठीक तरीके से फिल्टर नहीं होने देता है। साथ ही, ब्लड वेसल्स भी इससे प्रभावित होते हैं।

किन बातों का रखें ध्यान: ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ घरेलू उपाय कारगर साबित होते हैं। बुजुर्गों को डाइट में उन फूड्स को शामिल करना चाहिए जिसमें फाइबर पाए जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके प्रभाव से भोजन के बाद अचानक बढ़ने वाले शुगर लेवल पर नियंत्रण रखा जा सकता है। इसके अलावा, खट्टे फल और भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। साथ ही, नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें, रोजाना करीब 7-8 घंटे की नींद लें। मीठा, तला-भूना और मसालेदार भोजन के सेवन से परहेज करें।