ब्लड शुगर को आसान शब्दों में समझें: शरीर को उर्जा प्रदान करने का मुख्य स्रोत ग्लूकोज होता है, जब ये रक्त में जमा होने लगता है तो इसे ब्लड शुगर कहा जाता है। शरीर में ग्लूकोज का निर्माण तब होता है जब लोग कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करते हैं। इसके अलावा. जब जरूरत होती है तो प्रोटीन और फैट्स के जरिये भी ग्लूकोज प्रोड्यूस होते हैं। हालांकि, प्रोटीन से जो ग्लूकोज बनता है वो लोगों के लिवर में स्टोर हो जाता है और ब्लडस्ट्रीम में नहीं पहुंचता।
डायबिटीज रोगी कब-कब करें जांच: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लड शुगर नापने के लिए तीन आयुवर्ग में लोगों का बांटा जाता है। फास्टिंग यानी सुबह में खाने के 8-9 घंटे पहले, खाली पेट, खाने के एक-दो घंटे बाद और बिस्तर पर जाते वक्त रक्त शर्करा की जांच करनी चाहिए।
कितना होता है नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल: आमतौर पर जो लोग पूरी तरह स्वस्थ होते हैं और जिन्हें डायबिटीज की परेशानी नहीं होती, उनमें फास्टिंग के समय नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है। वहीं, पोस्ट प्रैंडियल हेल्दी शुगर लेवल तो यह 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए।
किस उम्र में कितना हो रक्त शर्करा का स्तर: 6 साल से छोटे बच्चों का फास्टिंग शुगर लेवल 80 से 180 mg/dl के बीच होता है, वहीं खाने से पहले इसका स्तर 90-180 mg/dl हो सकता है। पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140mg/dL होना चाहिए। जबकि रात को 100-180 mg/dl हो सकता है।
13 से 19 साल के लोगों में नॉर्मल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 से 150 mg/dl होता है। खाने से पहले 90-130 mg/dl शुगर लेवल होना चाहिए। वहीं, खाने के 2 घंटे बाद सामान्य रक्त शर्करा का स्तर 140mg/dl होना चाहिए। इसके अलावा, बेडटाइम में ब्लड शुगर का स्तर 90-150 mg/dl होना चाहिए।
20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में फास्टिंग के दौरान 100 mg/dl से कम होना चाहिए। वहीं, खाने से पहले रक्त शर्करा का स्तर 70-130 mg/dl के बीच होना चाहिए। इसके अलावा, खाने के 2 घंटे बाद 180 से कम mg/dl होना चाहिए। साथ ही, सोते वक्त शुगर लेवल 100-140 mg/dl के बीच होता है।
वहीं, 65 साल के लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL के बीच और बेडटाइम ब्लड शुगर 150 mg/dL से अधिक नहीं होना चाहिए।