आजकल खराब खानपान और लाइफस्टाइल के चलते डायबिटीज की समस्या बहुत ही आम हो गई है। डायबिटीज यानी शुगर एक ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी को हो जाए तो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करने के साथ कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन जाती है। एक बार किसी के शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाए तो इसे कंट्रोल करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो जाता है। डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर को ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह आपकी हड्डियों और जोड़ों को भी कमजोर बनाता है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर यानी हाइपरग्लाइसेमिया हड्डियों की मजबूती को प्रभावित कर सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के पतले होने और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है।
पुणे के जहांगीर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. आशीष अर्बत ने बताया कि शुगर से पीड़ित लोगों में घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस और लिगामेंट मोच के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है, इसलिए जोड़ों की देखभाल के लिए शुगर का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है।
हड्डियां कमजोर
शुगर हड्डियों के निर्माण और टूटने के बीच संतुलन को बिगाड़ देता है, जिससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
जोड़ों में दर्द और अकड़न
शुगर के चलते धीरे-धीरे शरीर कमजोर होने लगता है। इसके अलावा हाइपरग्लाइसेमिया के कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे दर्द, अकड़न और गतिशीलता में कमी आती है। ऐसे में काम बाधित होता है और डेली के कार्य करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इलाज में देरी
शरीर में शुगर लेवल बढ़ने पर समय से ध्यान और उपचार कराना चाहिए। शुगर के कारण प्रॉपर ब्लड फ्लो नहीं रहता, जिसके चलते फ्रैक्चर और जोड़ों की चोटों के ठीक होने की दर कम हो जाती है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा
शुगर के मरीजों को ऑस्टियोआर्थराइटिस विकसित होने का अधिक खतरा होता है, विशेष रूप से घुटनों में, क्योंकि इससे वजन बढ़ता है, सूजन होती है और जोड़ों को नुकसान पहुंचता है, जिससे जोड़ों में टूट-फूट होती है।
कैसे करें बचाव
डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान के साथ-साथ लाइफस्टाइल का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। ऐसे में कैल्शियम और विटामिन से भरपूर फूड्स का सेवन और अपने खाने में डेयरी उत्पाद, पत्तेदार सब्जियां, मेवे और मछली का सेवन करें। ऐसे ही सूजन को कंट्रोल करने के लिए चीनी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स का सेवन न करें। अपने डेली रूटीन में पैदल चलना, फिजिकल एक्टिविटी और योग जैसी एक्टिविटी शामिल करें।
इसके अलावा योग गुरु और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र ने बताया कि आंतों और पेट को हेल्दी रखने के लिए दही और छाछ, प्याज और लहसुन, साबुत अनाज और हरी सब्जियों का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।