बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि दूध पियोगे तो ताकतवर बनोगे, क्योंकि दूध में सेहत का खजाना छिपा हुआ है। दूध पीने से हड्डियां मजबूत होंगी और शरीर को अच्छा न्यूट्रिशन मिलेगा, लेकिन दूध को सही तरीके और सही समय पर पीना ही फायदेमंद होता है। बहुत से लोग रात को सोने से पहले दूध का सेवन करते हैं, लेकिन ऐसा करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ये आदत पेट की समस्या, मोटापा, नींद में खलल और दांतों की हेल्थ पर भी असर डाल सकती है।

आयुर्वेद के मुताबिक, दूध को “सात्विक” भोजन माना जाता है। इसका अर्थ है कि यह मानसिक शांति, स्पष्टता और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है। यह कैल्शियम, विटामिन डी और आवश्यक अमीनो एसिड जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दूध मजबूत हड्डियों, रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बूस्ट और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। रात के खाने के बाद सोने से कम से कम एक घंटा पहले दूध पीना चाहिए। इससे दूध को पचने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। सोने के तुरंत पहले दूध पीने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

कैलिफोर्निया स्थित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर पलानीअप्पन मणिक्कम के मुताबिक, 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में धीरे-धीरे लैक्टेज एंजाइम की कमी होने लगती है जिस कारण उनका शरीर दूध को पचा पाने में असमर्थ होने लगता है। ऐसे में दूध का सेवन रात को सोने से करीब घंटे पहले करना चाहिए।

सोने से पहले दूध पीना क्यों अच्छा है?

आयुर्वेद के अनुसार, रात में दूध पीने से “ओजस” नामक पाचन क्रिया बेहतर होती है। ओजस को शरीर में एनर्जी और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी का सार माना जाता है। इसलिए सोने से पहले गर्म दूध पीने से मन शांत होता है और अच्छी व स्वस्थ नींद आने में मदद मिलती है। दूध अनिद्रा और चिंता जैसी समस्याओं को कम करता है, खासकर गठिया रोग से ग्रस्त लोगों के लिए। दूध में मौजूद अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।

हल्दी वाला दूध और इसके फायदे

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना अच्छा होता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में शक्तिशाली सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। हल्दी वाले दूध में मौजूद ट्रिप्टोफैन और मेलाटोनिन अच्छी नींद में मदद करते हैं। यह अपच या गैस के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है। इसके सूजन-रोधी गुण मांसपेशियों की पीड़ा को कम करने और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके रोगाणुरोधी गुण सर्दी, खांसी और सांस की जकड़न से लड़ने में मदद करते हैं।

कैसे पीना चाहिए दूध?

दूध को हमेशा गुनगुना करके ही पीना चाहिए। कच्चा दूध भारीपन का एहसास देता है और पचाने में मुश्किल होता है। दूध उबालते समय उसमें बराबर मात्रा में पानी डालें और दूध की मात्रा कम होने तक फिर से उबालें। इससे दूध का गाढ़ापन हल्का हो जाएगा और पचने में आसानी होगी। आयुर्वेद के मुताबिक, वात दोष वाले लोग इलायची, दालचीनी, अदरक जैसे मसाले मिला सकते हैं। पित्त दोष वाले लोग ठंडा दूध या ठंडी जड़ी-बूटियों के साथ उबला हुआ दूध पी सकते हैं। कफ दोष वाले लोगों को दूध का सेवन सीमित करना चाहिए, लेकिन सीमित मात्रा में वे मसालों के साथ गर्म दूध पी सकते हैं। इसके अलावा एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि सोने से तुरंत पहले दूध नहीं पिएं। सोने से करीब एक घंटे पहले ही दूध का सेवन करें।

किन लोगों को दूध पीने से बचना चाहिए?

लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को दूध पीने से पेट दर्द, गैस और दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें दूध पीने से बचना चाहिए या लैक्टोज-मुक्त दूध का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा दूध को मछली, मांस, मूली और खट्टे फलों जैसे कुछ अन्य फूड्स के साथ लेने से बचना चाहिए। इससे अपच हो सकती है।

वहीं, द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि रोजाना सिर्फ 7,000 कदम चलना भी स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए काफी हो सकता है।