खराब खानपान, लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज न करना और रात में देर से सोने के चलते हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या भी बहुत आम हो गई है। हार्मोनल इम्बैलेंस के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लंबे समय से हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओडी, थायराइड और डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। कोकून हॉस्पिटल जयपुर की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉ. निशा शर्मा मंगल ने हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण और इसे नेचुरली तरीके से बैलेंस करने का तरीका बताया है।

डॉ.निशा शर्मा मंगल के मुताबिक, महिलाओं में हार्मोनल इम्बैलेंस एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है। हार्मोनल इम्बैलेंस का असर वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स, थकान, त्वचा की समस्याएं और डाइजेस्टिव इश्यू के रूप में दिख सकता है। अगर आपके शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, थायराइड या इंसुलिन हार्मोन का संतुलन बिगड़ गया है, तो कुछ हेल्दी ड्रिंक्स इसे नेचुरली बैलेंस कर सकती हैं।

क्यों होते हैं हार्मोन इम्बैलेंस?

हार्मोनल इम्बैलेंस के कारणों में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), थायराइड समस्याएं, ओवरी में गांठ और मेनोपॉज शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा खराब खानपान, बेकार लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज की कमी भी हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण बन सकते हैं। डॉ.निशा शर्मा मंगल के अनुसार, शरीर में उपस्थित एंडोक्राइन सिस्टम से हार्मोन का उत्पादन और स्त्राव दोनों होता है। हार्मोन एक तरह के रसायन हैं जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर एक मेसेंजर यानी संदेशवाहक के रूप में काम करते हैं। जब शरीर में हार्मोन की मात्रा घट या बढ़ जाती है, तो इसे हार्मोनल इम्बैलेंस कहा जाता है। हार्मोन इम्बैलेंस का सीधा असर शरीर पर कई समस्याओं के रूप में दिखाई देने लगते हैं।

अश्वगंधा और हल्दी दूध

स्ट्रेस और हार्मोन बैलेंस के लिए के अश्वगंधा और हल्दी दूध बहुत ही फायदेमंद होता है। अश्वगंधा एडाप्टोजेन है, जो कोर्टिसोल यानी स्ट्रेस हार्मोन को कम करके हार्मोन बैलेंस करता है। ऐसे ही हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो थायराइड और पीसीओडी (PCOD) जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार है। यह नींद में सुधार करता है और महिलाओं में एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टेरोन लेवल को बैलेंस करता है।

अलसी और अजवाइन पानी

अलसी और अजवाइन का पानी हार्मोनल इम्बैलेंस के लिए बहुत ही असरदार होता है। अलसी में लिगनैन्स पाए जाते हैं, जो एस्ट्रोजन को बैलेंस करने में मदद करते हैं। इसके अलावा अजवाइन पाचन सुधारता है और शरीर को टॉक्सिन्स से मुक्त करता है। ये यह मेटाबॉलिज्म तेज करके वजन घटाने में भी मदद करता है। नियमित तौर पर इस डिटॉक्स वाटर का सेवन करने से थायराइड और पीसीओडी आदि की समस्या से भी बचाव होता है।

सेब का सिरका

हार्मोन को बैलेंस करने के लिए सेब का सिरका बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए 1 गिलास गुनगुना पानी लें अब इसमें 1 ढक्कन सेब के सिरके को मिलाकर पी लें। इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है। ये डायबिटीज कंट्रोल और पीसीओएस की समस्या से राहत दिलाने में भी असरदार होता है।

इसके अलावा योग गुरु और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र ने बताया कि आंतों और पेट को हेल्दी रखने के लिए दही और छाछ, प्याज और लहसुन, साबुत अनाज और हरी सब्जियों का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।