मानसून का मौसम गर्मी से राहत दिलाने के साथ-साथ ठंडी हवाएं और राहत लेकर आता है, लेकिन इस मौसम में संक्रमण पर पेट से जुड़ी समस्याएं बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। बारिश के दौरान वातावरण में नमी ज्यादा होती है, जिससे बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं। ऐसे में अगर आप थोड़ी भी लापरवाही से बना खाना खा लें या स्ट्रीट फूड का स्वाद ले लें, तो तुरंत पेट दर्द, गैस, मरोड़, उल्टी या दस्त जैसी समस्या घेर लेती है। खासकर पेट से जुड़ी शिकायतें, जैसे- डायरिया, अपच, पेट में गैस, जी मिचलाना, ये सारी परेशानियां कई लोगों को परेशान करती हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट मनीषा मिश्रा ने बताया कि बरसात के मौसम में कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर पेट की समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट मनीषा मिश्रा के मुताबिक, बारिश की हल्की-हल्की बूंदाबांदी मन को खुश कर देती है, हरियाली आंखों को सुकून देती है, लेकिन इस मानसून में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगातार सिर उठाती रहती हैं। बदलते मौसम के कारण शरीर में वात दोष बिगड़ जाता है, जिसके चलते पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और इसे नजरअंदाज किया जाए, तो ये लक्षण और गंभीर हो जाते हैं। ऐसे में कुछ चीजों को ध्यान रखा जाए तो मानसून के मौसम का बहुत आनंद लिया जा सकता है।

उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पिएं

मानसून के मौसम में शरीर की पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है। ऐसे में नल का पानी या कोल्ड ड्रिंक नहीं पीना चाहिए। इसकी जगह उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पीना बहुत फायदेमंद माना जाता है। उबालने से पानी में मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं और ठंडा होने पर यह शरीर के लिए आसानी से पचने लायक हो जाता है। इस पानी को नियमित रूप से पीने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है, अपच कम होती है और शरीर के दोष संतुलित रहते हैं।

काली मिर्च और अदरक

मानसून के मौसम में हल्का, लेकिन गर्म तासीर वाला खाना खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। खाने में काली मिर्च, पिपली और अदरक को शामिल करना पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। काली मिर्च पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए लाभकारी है। शहद के साथ इसका इस्तेमाल करने पर गैस, अपच और भूख न लगने जैसी शिकायतों से राहत मिलती है। खासकर तब जब पेट लगातार खराब रहता हो, तो अपने खाने में इन मसालों का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है।

घर में नीम या सरसों का धुआं करें

मानसून के दौरान घर में नमी और नमी बढ़ने से फंगस, कीड़े और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। ऐसे समय में घर में नीम के पत्ते, गुग्गुल या सरसों के बीज डालकर धुआं करना बहुत कारगर होता है। यह धुआं हवा को शुद्ध करता है, कीड़ों को दूर रखता है और संक्रमण से बचाता है।

इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए खीरे के बीज का सेवन भी किया जा सकता है। खीरे के बीज ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।