अक्सर काम की मसरूफियत में हम खाना-पीना तो भूल ही जाते हैं साथ ही पेशाब करना भी अवॉइड करते है। कई बार ऐसा होता है कि हम लम्बी मीटिंग में होते हैं या फिर लम्बी यात्रा पर जाते हैं तो ऐसे में यूरिन डिस्चार्ज करने के लिए प्रेशर तो होता है लेकिन यूरिन डिस्चार्ज नहीं कर पाते। आप जानते हैं कि आप यूरिन कंट्रोल करके अपनी बॉडी के नेचुरल फंक्शन पर लगाम लगा रहे हैं जिससे आपकी बॉडी को नुकसान पहुंच रहा हैं। कभी कभी किसी परेशानी में या मजबूरी में यूरिन को कंट्रोल करना कोई परेशानी की बात नहीं है लेकिन रेगुलर ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है। रेगुलर पेशाब को कंट्रोल करने से यूरिन से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं।

वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स, मीरा रोड के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ.आशुतोष बघेल ने बताया कि आप अपने मूत्राशय (bladder) को एक गुब्बारे के रूप में कल्पना कर सकते हैं। जैसी ही ब्लैडर में यूरिन भर जाता है वैसे ही ये आपके मस्तिष्क को इसे खाली करने का संकेत देता है।

अगर आप इसे रोककर रखने का निर्णय लेते हैं तो मूत्राशय फैलता रहता है, जिससे इसकी दीवारों पर दबाव पड़ता है। इस दबाव की वजह से ब्लैडर गुब्बारे की तरह और ज्यादा फूलने लगता है। ज्यादा गुब्बारा फूलने से वो फट सकता है ठीक इसी तरह ब्लैडर में ज्यादा यूरिन होने से ब्लैडर की दिवार पर दबाव पड़ता है और कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पेशाब रोकने से कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं।

यूटीआई का बढ़ सकता है खतरा

पोषण विशेषज्ञ लीमा महाजन ने इंस्टाग्राम पर बताया है कि लम्बे समय तक पेशाब रोक कर रखने की आदत से यूटीआई या मूत्र पथ के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं यूरिन कंट्रोल करने से ब्लैडर के रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। पेशाब को लम्बे समय तक रोकने से यूरिन में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है जो ब्लैडर के अंदर तक पहुंच जाती है और संक्रमण का कारण बनती है। यूटीआई से बचना है तो यूरिन का प्रेशर होने पर तुरंत डिस्चार्ज करें।

यूरिन लीकेज की बढ़ सकती है परेशानी

ब्लैडर एक मांसपेशी है। नियामित रूप से ब्लैडर को खाली करने के संदेशों को अनदेखा करने से ये मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। अगर आप नियमित रूप से पेशाब रोकते हैं तो पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाता है और लीकेज की समस्या बढ़ जाती है। कई बार ब्लैडर में फैलाव हो सकता है जिससे ब्लैडर को नुकसान पहुंच सकता है।

नेचुरल यूरिन डिस्चार्ज पर पड़ता है असर

लम्बे समय तक आप यूरिन को रोककर रखते हैं तो आप यूरिन डिस्चार्ज करने के सिग्नल को नहीं समझ पाएंगे। आप अपने शरीर के संकेतों का गलत मतलब निकालना शुरु कर देंगे। एक्सपर्ट ने बताया कि आपको यूरिन डिस्चार्ज करने की तीव्र इच्छा महसूस न हो फिर भी आप बाथरूम में चले जाते हैं। पेशाब रोककर रखने की आदत आपके नेचुरल यूरिन डिस्चार्ज करने के सिस्टम को ही बिगाड़ देती है।

किडनी पर भी पड़ सकता है असर

पेशाब को लम्बे समय तक रोकने से किडनी से जुड़ी परेशानी का खतरा भी बढ़ सकता है। पेशाब रोकने से किडनी पर प्रेशर पड़ता है जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। पेशाब रोकने से यूरिक एसिड बढ़ने की भी समस्या बढ़ने का खतरा रहता है।