एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) एक ऐसा वायरस है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर बना देता है कि हमारी बॉडी किसी दूसरे संक्रमण या बीमारी को झेलने के काबिल ही नहीं बचती है। वहीं, एक बार इस वायरस की चपेट में आने पर अगर समय रहते इसे काबू में नहीं किया गया, तो ये एड्स का कारण बन जाता है। आपको बता दें कि एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है। ऐसे में समय रहते इस वायरस की पहचान कर सही इलाज लेना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको एचआईवी की चपेट में आने पर दिखाई देने वाले कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।

कैसे पहचाने लक्षण?

इससे पहले बता दें कि किसी भी शख्स को असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित खून के संपर्क में आने, इंजेक्शन को शेयर करने आदि से एचआईवी हो सकता है। इसके अलावा बच्चों में ये वायरस मां से फैलता है। गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में एचआईवी फैल सकता है। वहीं, एचआईवी से एड्स तक पहुंचने के लिए तीन स्टेज से होकर वायरस को गुजरना पड़ता है।

पहली स्टेज

इस चरण में एक्यूट एचआईवी इंफेक्शन होता है। इस दौरान पीड़ित शख्स के खून में एचआईवी का संक्रमण फैल जाता है और उसे फ्लू (वजन घटना, बुखार आना, रात में अधिक पसीना आना, थकान-कमजोरी) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, कई बार पहली स्टेज में संक्रमित व्यक्ति को किसी तरह का कोई लक्षण महसूस नहीं होता है।

दूसरी स्टेज

दूसरे चरण में क्रोनिक एचआईवी इंफेक्शन होता है। इस दौरान भी अधिकतर लोगों को वायरस के बारे में ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता है। कई बार तो सालों बीत जाने के बाद भी व्यक्ति को दवा की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, समय बीतने पर वायरल का लोड बढ़ जाता है और ऐसे में कुछ मामूली लक्षण नजर आना भी शुरू हो जाते हैं। इन लक्षणों पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो एड्स हो जाता है।

इन संकेतों को न करें नजरअंदाज

  • एचआईवी की चपेट में आने पर आपको जीभ पर सफेद और पतले बाल की तरह पैचेज निकल सकते हैं। इसमें दर्द या किसी तरह की परेशानी का अहसास तो नहीं होता है लेकिन बाल उगने पर आपको हल्की असहजता महसूस हो सकती है। इस असहजता को आम न समझें और तुरंत अपनी जांच कराएं।
  • अगर आपको बेवजह मुंह या मुंह के आसपास दाद, खाज, खुजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही ये समस्या लगातार बढ़ रही है, तो ये एचआईवी के चलते हो सकता है।
  • मुंह या होंठ के आसपास लाल रंग के घाव या छाले जैसे नजर आना और इन छालों में असहनीय दर्द का अहसास होना एचआईवी का लक्षण है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में भी तेजी से फैलता है। खासकर शारीरिक संबंध बनाने, किस करने, तोलिया, ब्रश, साबुन जैसी चीजें शेयर करने से भी ये किसी दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

तीसरी स्टेज

आमतौर पर दूसरी स्टेज के दौरान नजर आने वाले लक्षणों को पहचानकर अगर सही इलाज ले लिया जाए, तो तीसरे चरण तक पहुंचने के चांस बेहद कम हो जाते हैं, लेकिन तीसरी स्टेज पर पहुंचने पर व्यक्ति एड्स से पीड़ित हो जाता है। ऐसे में संक्रमित लोगों को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है, लेकिन इस स्टेज में बिना इलाज कराए व्यक्ति का 3 साल जी पाना भी मुश्किल माना जाता है।

क्या है बचाव का तरीका?

बता दें कि भारत में पहली बार एचआईवी के मामले सेक्स वर्कर्स में सामने आए थे। इसके बाद ये मामले लगातार बढ़ते चले गए। ऐसे में इस गंभीर और जानलेवा वायरस से बचने के लिए सबसे जरूरी है सेफ सेक्स, शारीरिक संबंध बनाने से पहले प्रिकॉशन जरूर लें। इसके अलावा इंजेक्शन शेयर करने और नशीली दवाओं के उपयोग करने से भी बचें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।