High Blood Sugar ke Lakshan: पैन्क्रियाज में एक खास तरह क सेल्स जिन्हें बीटा सेल्स कहते हैं, वो मौजूद होते हैं। ये कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करती हैं जो शरीर में ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ये रक्त में बढ़े हुए ग्लूकोज के स्तर को सेल्स में जमा कर लेता है और बाद में ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जब आप डायबिटीज टाइप 2 से ग्रस्त होत हैं तो आपका लिवर, फैट और मसल सेल्स इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्ड नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति को इंसुलिन रेसिस्टेंस कहते हैं, इस वजह से ग्लूकोज सेल्स में न पहुंचकर खून में जमा होने लगता है जिसे हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं। इस वजह से लोगों में डायबिटीज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
रक्त शर्करा बढ़ने के प्रमुख कारण: एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये बीमारी धीरे-धीरे लोगों को अपनी चपेट में लेती है। उनके अनुसार लोगों का अधिक वजन, कमर के पास अतिरिक्त चर्बी, पारिवारिक इतिहास, शारीरिक सक्रियता की कमी, खराब खानपान और जीन्स इस बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है।
होने लगती है नसों से संबंधित दिक्कतें: विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह रोगियों को पैरों से संबंधित परेशानियां ज्यादा होने लगती हैं क्योंकि ये बीमारी नसों को डैमेज कर देती है। बता दें कि छुअन, दबाव, दर्द, जलन या ठंडक जैसी अनुभूतियों को महसूस करने में नसों की भूमिका अहम होती है। लेकिन इनके डैमेज होने पर लोग इसे महसूस नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहते हैं। इस वजह से लोगों को पैरों के अंगूठे में ये दो दिक्कतें हो सकती हैं।
अंगूठे के आकार में बदलाव: शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से पैरों के अंगूठे के आकार में बदलाव आ सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटिक न्यूरोपैथी आमतौर पर पैरों और एड़ियों की नसों को क्षतिग्रस्त करते हैं। इस वजह से अंगूठों के शेप में बदलाव आता है। इस स्थिति को ‘क्लॉ टो’ कहते हैं जिसमें अंगूठे धीरे-धीरे मुड़ने लगते हैं।
छोटे फोड़े बन सकते हैं खतरनाक घाव: डायबिटीज में लोगों की ब्लड वेसल्स भी प्रभावित होती हैं जिस वजह से रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाता है। मधुमेह के मरीजों में इम्युनिटी और घाव भरने की क्षमता कम हो जाती है। इससे हल्की सी चोट भी खतरनाक रूप ले सकती है।
किन बातों का रखें ध्यान:
रोज नहाएं।
किसी भी परेशानी से बचने के लिए नियमित रूप से पैरों की जांच करें।
ड्राय स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं।
एक्सपर्ट्स से सलाह कर चप्पल और जूतें पहनें।
धूम्रपान से बचें।
