Diabetes Diet Chart: WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 1.6 मिलियन लोगों की जान डायबिटीज के कारण जाती है। ये बीमारी तब लोगों को अपना शिकार बनाती है जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और मोटापा के कारण ब्लड शुगर बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मधुमेह रोगियों को अपने खानपान के प्रति सतर्क रहने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति जो खाना खाते हैं, उसके पचने से शुगर निकलता है।
यही कारण है कि खाने के बाद लोगों का ब्लड शुगर सबसे ज्यादा होता है। वहीं, कुछ खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करता है। ऐसे में डायबिटीज रोगियों को उन फूड्स का सेवन करना चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो रहे। आइए जानते हैं ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची –
साबुत अनाज: ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ, दलिया, बार्ले, गेहूं और ज्वार जैसे साबुत अनाजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ऐसे में इनके सेवन से ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा नहीं होता है। साथ ही, इंसुलिन लेवल भी बेहतर होता है।
फल: नाशपाती, सेब, चेरीज, संतरा जैसे फलों का GI भी बेहद कम होता है, साथ ही इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है जो ब्लड शुगर की मात्रा को कम करने के साथ ही डायबिटीज के लक्षणों को कम करता है।
सब्जी: पालक, हरे मटर, गाजर, टमाटर, चौलाई, बैंगन, खीरा, हरे बीन्स और पत्ता गोभी जैसी सब्जियों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसका मतलब है कि इन्हें खाने से भोजन के बाद बढ़ने वाला ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
दाल और फलियां: मूंग की दाल, अरहर की दाल, मसूर की दाल, लोबिया, सोयाबीन, छोले, काला चना और राजमा
नट्स और सीड्स: अलसी के बीज, बादाम, मूंगफली, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज
कैसे प्रभावित होता है ग्लाइसेमिक इंडेक्स: ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाने में पाए जाने वाले कार्ब्स की मात्रा को उल्लेखित करता है। अगर खाने में स्टार्च की मात्रा अधिक होगी तो GI भी ज्यादा होगा। जिन खाने की चीजों को बनने में समय कम लगता है, उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी दूसरों के मुकाबले कम होता है। वहीं, अधिक फाइबरस फूड्स में भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है।