डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कई बीमारियों की जड़ है। अगर ब्लड शुगर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई बीमारियां बॉडी में पनपने लगती हैं। डायबिटीज के मरीजों का लम्बे समय तक ब्लड शुगर हाई रहने से पेशाब में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। डायबिटीज मरीजों की ब्लड शुगर लम्बे समय तक हाई रहने से मूत्र पथ (urinary tract) में नर्व डैमेज का खतरा बढ़ने लगता है।
यूरिनरी ट्रैक में नर्व डैमेज होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे अधिक वजन और बढ़ता मोटापा मूत्राशय की समस्याओं को बढ़ा सकता हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट में नर्व डैमेज होने से पेशाब में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। अगर लम्बे समय तक ब्लड शुगर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो पेशाब में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि यूरिनरी ट्रैक्ट में नर्व डैमेज होने से पेशाब में कौन-कौन सी परेशानियां होती हैं और इस परेशानी को कैसे कंट्रोल करें।
- 1. डायबिटीज मरीज जिन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट में नर्व डैमेज होने का खतरा रहता है उसे बार-बार और तत्काल पेशाब करने की समस्सया होती है। ये परेशानी डायबिटीज से पीड़ित पुरुष और महिलाओं किसी को भी हो सकती हैं। इस परेशानी में पेशाब पर कंट्रोल नहीं रहता और पेशाब जल्दी-जल्दी आता है। ऐसा रात में भी हो सकता है। कुछ दवाएं पेशाब कंट्रोल करने की समस्याओं के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- 2. हेल्थलाइन के मुताबिक डायबिटीज का स्तर हाई रहने के कारण मूत्राशय भर जाता है और आपको पता ही नहीं चलता कि पेशाब कब आ रहा है। बहुत अधिक भरा हुआ मूत्राशय आपके ब्लैडर की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। ये मांसपेशियां ही पेशाब को बाहर धकेलती हैं। जब ये मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करती हैं, तो पेशाब आपके मूत्राशय (bladder) में बहुत लंबे समय तक रुक सकता है जिससे यूरिन इंफेक्शन बढ़ने लगता है। ऐसी स्थिति में मरीज को हर वक्त वॉश रूम जाने की जरूरत रहती है।
3. डायबिटीज हाई होने से मरीजों को कई तरह के यूरिन इंफेक्शन का खतरा तो बढ़ता ही है साथ ही यूरिन लीक होने की परेशानी भी बेहद परेशान करती है। ऐसे में मरीज शारीरिक संबंध बनाने में पूरा आनंद नहीं ले पाते हैं। अगर डायबिटीज मरीज का वजन ज्यादा है तो वो उसे कम करें तो यूरीन लीक होने की परेशानी कुछ थम सकती है।
4. डायबिटीज मरीजों में ब्लैडर इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है जिससे यूरिन इंफेक्शन या सिस्टिटिस भी कहा जाता है। यदि आपको बार-बार, तत्काल पेशाब आता है जो आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। ब्लैडर इंफेक्शन किडनी इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है। ब्लड शुगर कंट्रोल करके आप ब्लैडर में होने वाले इंफेक्शन को कम कर सकते हैं।
डायबिटीज मरीज ब्लैडर में होने वाली समस्याओं का कैसे उपचार करें
- ब्लैडर में होने वाली परेशानियों से निजात पाने के लिए आप अपने ब्लड शुगर का स्तर नॉर्मल रखें। डायबिटीज कंट्रोल करके आप मूत्राशय में होने वाली परेशानियों से बचाव कर सकते हैं।
- ब्लैडर में होने वाली इन समस्याओं से बचाव करने के लिए डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करें।
- डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखें।
- वजन को कंट्रोल करें। बढ़ता वजन यूरिनरी प्रोब्लम्स को बढ़ा सकता है।
- यदि आप धूम्रपान करते हैं तो स्मोकिंग की आदत को तुरंत बदलें।
- डाइट का ध्यान रखें। डाइट में प्रोटीन का अधिक सेवन और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें तो ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहेगा।