High Blood Sugar at Night: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों खासकर डायबिटीज रोगियों का ब्लड शुगर रात के समय में ज्यादा हो जाता है। हालांकि, पूरे दिन अगर रक्त शर्करा का स्तर ठीक बना रहेगा तो सोते समय भी ये नियंत्रित ही रहेगा। बता दें कि उच्च रक्त शर्करा की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक हाई ब्लड शुगर डायबिटीज का एक लक्षण तो है ही लेकिन हेल्दी लोगों का ब्लड शुगर लेवल भी ज्यादा हो सकता है।
क्या है हाई ब्लड शुगर: विशेषज्ञों के मुताबिक दिन भर में ग्लूकोज का स्तर कई बार बदलता है, साथ ही आपने आखिरी बार क्या और कब खाया था; इससे भी ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है। ब्लड ग्लूकोज का स्तर अगर फास्टिंग में 130 mg/dL, खाने के दो घंटे बाद 180 mg/dL और रैंडम टेस्टिंग में 200 mg/dL से ज्यादा हो जाए तो इस स्थिति को हाइपरग्लाइसिमिया कहते हैं।
रात के समय क्यों बढ़ जाता है ब्लड शुगर लेवल: एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोते समय उच्च रक्त शर्करा की परिस्थिति कई कारणों से उत्पन्न होती है। मुख्यतौर से सात वजहें शुगर लेवल प्रभावित होती है।
डिनर में हाई कार्ब्स का सेवन: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रात के खाने या देर से जो लोग स्टार्च युक्त फूड या फिर उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में रात और फिर सुबह के समय भी रक्त शर्करा बढ़ा हो सकता है।
बीमारी या चोट: कोई भी प्रकार का ट्रॉमा हाइपरमेटाबॉलिक रिस्पॉन्स को और भी तेज कर देता है, इससे हाई ब्लड शुगर की परेशानी हो सकती है।
व्यायाम नहीं करना: एक्सरसाइज करने से बॉडी सेल्स इंसुलिन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाते हैं, ऐसे में व्यायाम की कमी से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है।
इंसुलिन की कमी: जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है और मरीज ने इंसुलिन का इंजेक्शन भी न लिया हो तो भी शुगर लेवल अधिक हो सकता है।
माहवारी: इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रडियोल और प्रोजेस्टीरोन हार्मोन निकलता है। ये हार्मोन इंसुलिन प्रोडक्शन को कम करते हैं जिससे मेटाबॉलिज्म और ब्लड शुगर प्रभावित होती है।
प्रेग्नेंसी: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन लेवल में उतार-चढ़ाव देखने को मिलती है। ऐसे में ब्लड शुगर बढ़ जाता है।
स्ट्रेस: तनाव की वजह से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन की अधिकता हो जाती है। इस वजह से इंसुलिन कम मात्रा में बनता है।

