हर साल गर्मियों में तापमान रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है। जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो इसे हीटवेव कहा जाता है। हीटवेव न केवल शरीर के लिए खतरनाक होती है, बल्कि यह हमारे दिमाग यानी मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकती है। हाल ही हुई स्टडी के मुताबिक, जब सामान्य तापमान से पारा 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर जाता है, तब दुनिया भर के अस्पतालों में गर्मी से परेशान मरीजों की संख्या 10 फीसदी बढ़ जाती है। गर्मी की असर सीधा दिमाग पर पड़ता है और तापमान के ज्यादा बढ़ने की वजह से लोग डिहाइड्रेशन, डेलिरियम और बेहोश होने जैसी स्थितियों से परेशान होने लगते हैं। मारेंगो एशिया अस्पताल, फरीदाबाद, निदेशक-न्यूरोलॉजी, डॉ. कुणाल बहरानी ने गर्मी में हीटवेव से बचने के उपाय बताए हैं।

डॉ. कुणाल बहरानी के मुताबिक, जब शरीर ज्यादा गर्म हो जाता है, तो मस्तिष्क पर दबाव बढ़ता है। बहुत ज्यादा गर्मी में शरीर का तापमान सामान्य से ऊपर चला जाता है, जिससे हीट स्ट्रोक हो सकता है। इस स्थिति में मस्तिष्क की कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर पातीं। इसका असर सोचने, समझने और याद रखने की शक्ति पर भी पड़ सकता है।

दिमाग पर कैसा पड़ता है असर

दरअसल, जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती तो तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है। अधिक गर्मी में दिमाग के तापमान को कंट्रोल करने वाला हार्मोन सीरोटोनिन सक्रिय हो जाता है, लेकिन ये ठीक से काम नहीं कर पाता। ये हार्मोन एक रसायन है, जो मस्तिष्क और पूरे शरीर में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश पहुंचाता है।

हीटवेव से क्या दिक्कत होती है?

हीटवेव के दौरान कुछ लोगों को चक्कर, सिर दर्द, उलझन और बेहोशी की समस्या हो सकती है। बुजुर्ग, बच्चे और पहले से बीमार लोग इस समय ज्यादा जोखिम में होते हैं। ज्यादा देर तक गर्मी में रहने से मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाएं (नर्व सेल्स) क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। गर्मी का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। बहुत ज्यादा गर्मी में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी और नींद की समस्या हो सकती है। कुछ शोध बताते हैं कि हीटवेव के समय डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या भी बढ़ जाती है।

हीटवेव से कैसे बचें

हीटवेव से बचने के लिए लाइफस्टाइल के साथ-साथ खानपान में कुछ बदलाव करना बहुत ही जरूरी होता है। जैसे धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच, खूब पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, अगर कोई चक्कर या कमजोरी महसूस करें, तो तुरंत छांव या ठंडी जगह पर जाएं आदि।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।