डायबिटीज एक साइलेंट किलर बीमारी है, जिससे पीड़ित शख्स को ताउम्र दवाइयों के सहारे रहना पड़ता है। डायबिटीज होने पर इंसुलिन हार्मोन शुगर या कार्बोहाइड्रेट का अवशोषण नहीं कर पाता है। इससे खून में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल हार्ट, किडनी, लंग्स, आंख सहित शरीर के कई अंगों के लिए खतरा बनता चला जाता है। वहीं, वैसे तो ये बीमारी कई कारणों के चलते हो सकती है, हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स टाइप 2 डायबिटीज के पीछे खराब लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी को अहम कारण मानते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज से पीड़ित जो कुछ भी खाते-पीते हैं, उसमें मौजूद शुगर की मात्रा उनकी सेहत पर सीधा असर करती है। इतना ही नहीं, खानपान में जरा सी लापरवाही कई बार उन्हें अस्पताल तक का रुख करने को मजबूर कर देती है। ऐसे में मधुमेह रोगियों के लिए अपनी डाइट का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इसमें भी खासकर ब्रेकफास्ट पर ध्यान देने की जरूरत है। सुबह के समय अगर आप सही चीजों को सेवन करते हैं, तो इससे दिनभर आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रह सकता है। इसी कड़ी में इस लेख में हम मधुमेह रोगियों के लिए कुछ हेल्दी ब्रेकफास्ट ऑपशन बता रहे हैं।

मसूर दाल का चीला

हम भारतीय नाश्ते में चीला बड़े चाव के साथ खाते हैं। वहीं, अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो आप मसूर दाल का चीला नाश्ते में खा सकते हैं। मसूर दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, ऐसे में ये मधुमेह रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही ये दाल फाइबर और प्रोटीन का भी बेहद अच्छा स्त्रोत है, जो भी इस बीमारी में फायदेमंद है।

सहजन का पराठा

आयुर्वेद में सहजन को करीब 300 रोगों पर असरदार बताया गया है। इसकी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। वहीं, जर्नल ‘यूरोपीयन रिव्यु फॉर मेडिकल एंड फार्मालॉजिकल साइंस’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सहजन के पत्तों का अर्क अल्फा ग्लुकोसिडेस और पैन्क्रीऐटिक अल्फा-एमिलेस एंजाइमों को रोकने में असरदार है। आपको बता दें कि ये तब बढ़ जाते हैं, जब व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित होता है।

सहजन की पत्तियों में आइसोथियोसाइनेट नामक एक केमिकल कंपाउंड पाया जाता है, जो भी मधुमेह को कंट्रोल करने में सहायक है। साथ ही इस पौधे की पत्तियों में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड भी शरीर में शुगर को बेहतर तरीके से प्रोसेस करने में मदद कर सकता है, साथ ही इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में सुबह के समय सहजन के पत्तों से तैयार पराठा डायबिटीज रोगियों के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है।

पोहा

पोहा में भी भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट और आयरन मौजूद होते हैं, जिससे आपको कई हेल्थ बेनिफिट्स मिल सकते हैं। आप इसे कई सब्जियों के साथ मिलाकर बना सकते हैं। पोहा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, साथ ही इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन भी आपके लिए फायदेमंद हैं।

ओट्स

ओट्स में मौजूद बीटा ग्लूकैन हाई ब्लड शुगर में फायदा करता है। खासतौर से ज्यादा वजन वाले लोगों में ये इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है, इससे खून में अतिरिक्त ग्लूकोज इकट्ठा नहीं हो पाता है। यानी साधारण सा दिखने वाला ये नाश्ता डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति पर जादू की तरह असर कर सकता है।

भुने हुए नट्स

इन सब के अलावा आप नाश्ते में भुने हुए बादाम, पिस्ता, अखरोट और मूंगफली को भी शामिल कर सकते हैं। इन्हें आहार में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है, साथ ही सेहत को और भी कई तरह से फायदा पहुंचता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।