स्लीप एक्सपर्ट के अनुसार, सर्दियों में अच्छी नींद न आना एक आम समस्या है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, दिन छोटे होते जाते हैं, सूरज आसमान में नीचे दिखाई देता है और उसकी रोशनी की तीव्रता कम हो जाती है। जो देश उत्तर या दक्षिण ध्रुव के करीब हैं, वहां लोगों को और भी कम धूप मिलती है। ये स्थिति हमारी नींद पर सीधा असर डालती है। हमारा शरीर 24 घंटे के एक प्राकृतिक चक्र पर काम करता है, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है। यही चक्र तय करता है कि दिन में हम कब एनर्जेटिक रहेंगे और रात में कब नींद आएगी। इस बॉडी क्लॉक को सही रखने में प्राकृतिक रोशनी सबसे अहम भूमिका निभाती है। सर्दियों में जब रोशनी कम मिलती है, तो यह रिदम बिगड़ जाता है और नींद प्रभावित होती है।
सर्दियों की लंबी रातें वैसे तो सोने के लिए आदर्श मानी जाती हैं, लेकिन अक्सर लोग इस मौसम में करवटें बदलते रह जाते हैं। Telegraph की एक हालिया रिपोर्ट में स्लीप एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट्स ने खुलासा किया है कि सर्दियों में हमारी ‘स्लीप साइकिल’ (Sleep Cycle) बिगड़ जाता है जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
स्लीप साइंटिस्ट्स के अनुसार, नींद न आने का सबसे बड़ा कारण बेडरूम का गलत तापमान है। वैज्ञानिकों के मुताबिक नींद के लिए शरीर का कोर तापमान कम होना चाहिए। बहुत ज्यादा हीटर चलाने से कमरा गर्म हो जाता है, जिससे शरीर प्राकृतिक रूप से ठंडा नहीं हो पाता और नींद बार-बार टूटती है। रिपोर्ट में स्लीप एक्सपर्ट ने कुछ टिप्स बताए हैं जो सर्दी की लम्बी-लम्बी रातों में आपको गहरी और सुकून भरी नींद सोने में मदद करते हैं।
कमरे का तापमान नॉर्मल रखें
अगर आप चाहते हैं कि पूरी सर्दी की रातों में सुकून से सोएं तो आप बेडरूम का आदर्श तापमान 18°C के आसपास रखें। भारी रजाई के बजाय Layers में कंबल का इस्तेमाल करें ताकि जरूरत पड़ने पर तापमान एडजस्ट किया जा सके।
मोजे पहनकर सोएं
सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन पैरों को गर्म रखना गहरी नींद की कुंजी है। जब पैर गर्म होते हैं, तो रक्त वाहिकाएं फैलती हैं । यह दिमाग को सिग्नल देती है कि अब शरीर को ठंडा करने और सोने का समय आ गया है। Telegraph की रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि सोने से पहले गर्म पानी से पैर धोएं या ढीले सूती मोजे पहनें। रात में इस तरीके को अपनाकर आप अपने तय समय से 15 मिनट पहले ही सो सकते हैं।
दिन की शुरुआत रोशनी से करें
सुबह उठते ही ज्यादा से ज्यादा रोशनी लें। अगर बाहर धूप नहीं है, तो घर के अंदर तेज रोशनी में रहें। इससे दिमाग को यह संकेत मिलता है कि दिन शुरू हो चुका है और शरीर एक्टिव मोड में आता है।
डॉन सिमुलेशन अलार्म क्लॉक का इस्तेमाल करें
यह अलार्म घड़ी अलार्म बजने से 30 मिनट पहले धीरे-धीरे रोशनी बढ़ाती है, जिससे शरीर नेचुरल तरीके से जागता है। इससे सुबह उठते समय होने वाली सुस्ती यानी स्लीप इनर्शिया कम होती है और दिन की शुरुआत ज्यादा एनर्जेटिक होती है।
SAD लैम्प या लाइट थेरेपी अपनाएं
मनोचिकित्सक नॉर्मन ई. रोसेंथल ने सबसे पहले डिप्रेशन के इलाज में लाइट थेरेपी का उपयोग किया था। स्लीप एक्सपर्ट के मुताबिक रोज़ सुबह एक ही समय पर, जागने के एक घंटे के भीतर, 30 मिनट तक ब्राइट लाइट बॉक्स या SAD लैम्प के सामने बैठने से बॉडी क्लॉक रीसेट होता है और नींद बेहतर आती है।
दिन में शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं
ठंड की वजह से लोग घर में दुबके रहते हैं, जिससे फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि आप हल्की वॉक, स्ट्रेचिंग या एक्सरसाइज जरूर करें, ताकि शरीर थका रहे और रात में नींद गहरी आए।
आरामदायक लेकिन अनहेल्दी खाने से बचें
सर्दियों में स्ट्रेस कम करने के लिए लोग ज्यादा मीठा और हैवी फूड खाने लगते हैं। इससे नींद और एनर्जी दोनों खराब होती हैं। संतुलित और हल्का खाना नींद के लिए बेहतर है।
रोज़ाना एक जैसा रूटीन रखें
हर दिन एक ही समय पर सोना और उठना, यहां तक कि वीकेंड पर भी, सर्कैडियन रिदम को स्थिर रखता है और सर्दियों में नींद की समस्या को कम करता है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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