Eye Care Of Diwali: दुनियाभर में दिवाली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली हमारे लिए बहुत सी खुशियां लेकर आती है, लेकिन दिवाली पर स्वास्थ्य के साथ अपनी आंखों की सुरक्षा का भी खास ख्याल रखना होता है। क्योंकि, दिवाली के मौके पर प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है और घरों में साफ-सफाई का दौर भी शुरू हो जाता है। ऐसे में हमें अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए सभी सावधानियां बरतनी चाहिए। दुनियाभर में हर साल दिवाली के मौके पर पटाखों के धुएं और प्रदूषण के चलते अपनी आंखों की रोशनी खो देते हैं।
दिवाली के मौके पर आंखों में जलन, लालिमा और आंखों से पानी आने जैसी समस्याओं की शिकायत अधिक बढ़ जाती है। दिवाली के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञों की सलाह और इन आंखों की देखभाल के सुझावों का पालन करना महत्वपूर्ण है । दिवाली के दौरान पटाखे आंखों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। लगभग हर पटाखे से गर्म चिंगारियां निकलती हैं और उनसे निकलने वाला मलबा आंखों में गंभीर चोट पहुंचा सकता। ऐसे में डॉ. जय गोयल, आई सर्जन, लेसिक, रेटिना स्पेशलिस्ट और सूर्या आई हॉस्पिटल, मुंबई के निदेशक ने दिवाली पर आंखों की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
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दिवाली के समय आंखों की समस्याएं
दिवाली के समय बहुत आतिशबाजी होती है, लेकिन हमारी आखों के लिए पटाखे बेहद खतरनाक हो सकते हैं। क्योंकि पटाखों में लैड नामक तत्व मौजूद होता है, आंखों के साथ दिल के मरीजों के लिए भी खतरनाक होते हैं।
आंखें में जलन का खतरा
दिवाली के समय हवा में पटाखों का धुआं भर जाता है। इससे हवा और प्रदूषित हो जाती है। ऐसे आंखों में तकलीफ और सूखी आंखें होती हैं, जिससे आंखों में दर्द, लालिमा और जलन महसूस होती है। सेंसिटिव आंखों वाले या ड्राई आई सिंड्रोम जैसी पहले से मौजूद बीमारियों वाले लोगों को दिवाली के समय ठीक से देखने में दिक्कत होती है।
एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस
यह दिवाली के दौरान होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है, जो धूल और वायु प्रदूषण के कारण होती है। इस समस्या में आंखें लाल हो जाती हैं, खुजली होती है और पलकों में सूजन आ जाती है, जिससे देखने में दिक्कत होती है।
धुएं के कारण आंखों की समस्याएं
पटाखों से निकलने वाला घना धुआं आंखों में जलन, पानी आना, लाल होना और खुजली पैदा कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसे धुएं के संपर्क में आता है, तो उसकी आंखें हमेशा के लिए खराब हो सकती हैं। यह अस्थमा या सूखी आंखों जैसी पहले से मौजूद बीमारियों को भी बदतर बना देता है।