तुलसी (Holy Basil) के पत्तों का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि ये सेहत के लिए भी दवा का काम करते हैं। यह एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन (Adaptogen) है, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने, तनाव कम करने और श्वसन तंत्र, हृदय व पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते है। तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने में मददगार होते हैं। ये खून को साफ करते हैं, ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से स्किन साफ और चमकदार दिखती हैं। तुलसी का सेवन आप चाय, जूस के रूप में या ताज़े पत्ते निगल सकते हैं। इससे पाचन बेहतर होता है, डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है। ये पत्ते खांसी, सर्दी और सिरदर्द से राहत देते हैं।
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही तुलसी को एक शक्तिशाली औषधि मानते हैं। Journal of Ayurveda and Integrative Medicine 2014 के शोध में तुलसी को एक ‘एडेप्टोजेन’ के रूप में प्रमाणित किया गया है। रिसर्च के अनुसार, तुलसी शारीरिक, मानसिक और रासायनिक तनाव से लड़ने में मदद करती है। यह मस्तिष्क में कोर्टिसोल (Cortisol) के स्तर को कम करके चिंता और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करती है। रिसर्च और वैज्ञानिक आधार पर तुलसी के रोज़ सुबह 3–5 ताज़ी पत्तियां चबाएं।
International Journal of Clinical Pharmacology and Therapeutics के क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि तुलसी के पत्तों का सेवन खाली पेट करने से ब्लड शुगर के स्तर में 17.6% तक की कमी देखी गई। शोधकर्ताओं ने इसे टाइप-2 डायबिटीज कंट्रोल करने में असरदार माना है। आप तुलसी के पत्तों का सेवन अदरक, दालचीनी और लौंग के साथ चाय या काढ़ा बनाकर कर सकते हैं। ताज़गी और डिटॉक्स के लिए पानी में तुलसी के पत्ते डालकर उसका सेवन करें। आइए जानते हैं कि सर्दी में रोज तुलसी के पत्तों का सेवन करने से सेहत पर कैसा होता है असर।
इम्यूनिटी होती है बूस्ट (Immunity Boost)
तुलसी जिंक और विटामिन C से भरपूर होती है, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है। इसमें मौजूद एंटी माइक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और फंगल संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से तुलसी का सेवन करने से सर्दी-जुकाम, खांसी और मौसमी बीमारियों का खतरा कम होता है। यह शरीर की इम्यूनिटी को सक्रिय कर बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाती है। Journal of Ethnopharmacology (2011) की रिसर्च के मुताबिक तुलसी की पत्तियों के अर्क (Extract) का रोज सेवन करने से शरीर में Natural Killer (NK) सेल्स और T-Helper सेल्स की संख्या बढ़ती है जो संक्रमण से लड़ने वाली प्राथमिक कोशिकाएं हैं।
तनाव और एंग्जायटी से राहत (Stress & Anxiety Relief)
तुलसी एक प्रभावी एडाप्टोजेन है, जो शरीर को मानसिक और शारीरिक तनाव से निपटने में मदद करता है। यह तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को संतुलित कर मन को शांत रखता है। नियमित सेवन से चिंता, घबराहट और मानसिक थकान में कमी आती है। तुलसी का सेवन ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है और मानसिक स्पष्टता (Mental Clarity) को बेहतर बनाता है, जिससे मूड और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल (Blood Sugar Control)
तुलसी ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मददगार मानी जाती है। ये इंसुलिन की संवेदनशीलता और उसके स्राव को बेहतर बनाकर ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करती है। डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए तुलसी का नियमित और सीमित सेवन फायदेमंद हो सकता है। यह अचानक शुगर स्पाइक्स को कम करने और लंबे समय में मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में सहायक होती है।
पाचन स्वास्थ्य (Digestive Health)
तुलसी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत देती है। यह डाइजेशन सुधारने, गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग को कम करने में मदद करती है। तुलसी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक होती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंतों की सूजन को कम करते हैं और पाचन क्रिया को सुचारू बनाकर भूख और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर करते हैं।
दिल के लिए भी है जरूरी (Heart Health)
तुलसी दिल को हेल्दी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल, ब्लड प्रेशर और ब्लड सर्कुलेशन को संतुलित रखने में मदद करती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। नियमित सेवन से धमनियों में सूजन कम होती है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा घट सकता है, जिससे ओवर ऑल हार्ट हेल्थ बेहतर रहती है।
दांतों के लिए भी है जरूरी (Dental Health)
तुलसी दांतों और मसूड़ों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुण कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। तुलसी से मुंह की बदबू (Bad Breath) कम होती है और मसूड़ों की सूजन व संक्रमण में राहत मिलती है। तुलसी के पत्ते चबाने या तुलसी युक्त माउथवॉश के इस्तेमाल से ओरल हाइजीन बेहतर होती है और दांत मजबूत बने रहते हैं।
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