कब्ज एक ऐसी परेशानी है जो कभी न कभी किसी को जरूर परेशान करती है। कुछ लोगों को कब्ज की समस्या कुछ समय के लिए होती है तो कुछ लोगों को ये परेशानी अक्सर होती है और क्रोनिक कब्ज बन जाती है। कब्ज की बीमारी के लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल, तनाव, कुछ दवाओं का सेवन और बॉडी एक्टिविटी में कमी होना भी जिम्मेदार हो सकती है। कब्ज की परेशानी होने पर पेट पूरी तरह साफ नहीं होता और मल त्यागने में मुश्किल होती है। कब्ज की परेशानी से मतलब है मल का सूखा और कठोर होना है जिसकी वजह से ब्लोटिंग, गैस, एसिडिटी की परेशानी होती है। कब्ज की स्थिति में पेट साफ नहीं होता, पेट में ऐंठन होती है और पाचन से जुड़ी और भी कई परेशानियां हो सकती है।

कब्ज का इलाज करने का सबसे नेचुरल तरीका है पानी का अधिक सेवन करना और डाइट का ध्यान रखना। डाइट में फाइबर रिच फूड्स का सेवन करना जरूरी है। फाइबर की कमी को पूरा करने के लिए और पाचन को ठीक रखने के लिए फलों का सेवन बेहद उपयोगी है। फलों में बात करें केला की तो क्या केला खाने से पाचन दुरुस्त रहता है, कब्ज का इलाज होता है या कब्ज होता है? आइए इन सब सवालों का जवाब जानते हैं?

केला पाचन के लिए कैसा है?

कब्ज को दूर करने में फलों का सेवन बेहद उपयोगी है। फलों में बात करें केला की तो ये एक ऐसा फल है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। केले में विटामिन B6, विटामिन C, पोटैशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो न केवल ऊर्जा देते हैं बल्कि आंतों की सेहत को भी मजबूत करते हैं। कुछ रिसर्च के मुताबिक पका हुआ केला कब्ज़ से राहत देने में सहायक हो सकता है, जबकि कच्चा केला कब्ज़ बढ़ा सकता है। इसलिए जिन लोगों को क्रॉनिक कब्ज़ (chronic constipation) की समस्या है, उन्हें पके हुए केले का सेवन डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह से करना चाहिए। 

आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया केला एक ऐसा फल है जिसे रोज खाएं तो पाचन तंत्र दुरुस्त होता है। केला फाइबर से भरपूर होता है। इसमें मौजूद सॉल्यूबल और इंसॉल्यूबल फाइबर आंतों की गति (bowel movement) को बेहतर बनाते हैं और पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करते हैं। केला शरीर में गुड बैक्टीरिया को भी बढ़ावा देता है, जिससे gut health मजबूत होती है।

क्या केला लूजमेशन कंट्रोल करता है?

अक्सर लोगों का मानना है कि केला का सेवन लूज मोशन को कंट्रोल करने में किया जाता है लेकिन आप जानते हैं कि केला का सेवन लूज मोशन को कंट्रोल करने में और कब्ज का इलाज करने दोनों में किया जाता है। लूजमोशन में पका हुआ केला फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद पेक्टिन पानी को सोख लेता है और स्टूल को थोड़ा सॉलिड बनाता है। यही कारण है कि डॉक्टर्स अक्सर लूज मोशन में केला,चावल,सेब और टोस्ट का सेवन करने की सलाह देते हैं।

केला कैसे क्रॉनिक कब्ज का इलाज करता है?

क्रोनिक कब्ज से मतलब है लम्बे समय तक कब्ज का बना रहना। क्रॉनिक कब्ज की समस्या डाइट में कम फाइबर,कम पानी और बॉडी एक्टिविटी में कमी की वजह से होती है। कुछ मेडिकल कंडीशन में भी कब्ज की समस्या हो  सकती है। क्रॉनिक कब्ज को दूर करने के लिए फाइबर से भरपूर केला का सेवन करें। कब्ज को दूर करने के लिए आप पका हुआ केला रोज खाएं। पके केले में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर होता है जो आंतों की मूवमेंट को बढ़ाता है। केला में मौजूद पेक्टिन पाचन को रेगुलेट करता है और आंतों में नमी बनाए रखता है।

केले में मौजूद प्रिबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देते हैं, जिससे आंतें हेल्दी रहती हैं और मल त्याग नियमित होता है। केले में पोटैशियम और मैग्नीशियम होता हैं जो आंतों की मांसपेशियों को रिलैक्स करके बाउल मूवमेंट आसान बनाते हैं। कब्ज का इलाज करने में, पाचन को दुरुस्त करने में केला का सेवन बेहद उपयोगी है। याद रखें कि कब्ज का इलाज करने में कच्चे केले का सेवन नहीं करें। कच्चे केले में स्टार्च अधिक होता है, जो कब्ज़ बढ़ा सकता है। 

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