हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए तनाव, खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। ये बीमारी किसी भी उम्र में लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है। हाई बीपी को अगर लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये बीमारी बॉडी के जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। हाई बीपी की समस्या सिर्फ उम्र बढ़ने पर ही लोगों को अपनी चपेट में नहीं लेती बल्कि कम उम्र में भी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले सकती है। 20 साल की उम्र के युवाओं को भी ये परेशानी हो सकती है।

हाल ही में किसी ने हमसे ऑनलाइन सवाल पूछा कि क्या 23 साल की उम्र में 170/110 mmHg ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा माना जाता है? हम आपको बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg माना जाता है। यदि ब्लड प्रेशर इससे कम हो जाए, तो इसे लो ब्लड प्रेशर (Low BP या Hypotension) कहा जाता है, जबकि इससे अधिक होने पर इसे हाई ब्लड प्रेशर (High BP या Hypertension) की समस्या माना जाता है।

लगातार हाई ब्लड प्रेशर रहने पर दिल, दिमाग, किडनी और आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। वहीं बहुत ज्यादा लो बीपी होने से चक्कर आना, कमजोरी और बेहोशी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से जांचते रहना और असामान्य रीडिंग आने पर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

Jupiter Hospital, ठाणे में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ अमित सराफ ने बताया 23 साल की उम्र में भी 170/110 mmHg ब्लड प्रेशर गंभीर रूप से हाई माना जाता है। एक्सपर्ट ने बताया ये सिर्फ युवाओं में दिखने वाला सामान्य “स्ट्रेस स्पाइक” नहीं है। इस स्तर पर दिल, किडनी और ब्लड वेसल्स पर काफी दबाव पड़ता है। इतनी कम उम्र में हाई ब्लड प्रेशर होने पर तुरंत जांच जरूरी है, क्योंकि अक्सर इसके पीछे सिर्फ लाइफस्टाइल नहीं,बल्कि कोई अंदरूनी बीमारी हो सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कम उम्र में हाई ब्लड प्रेशर के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

इतनी कम उम्र में ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा क्यों हो सकता है?

  • 30 साल से कम उम्र के लोगों में आमतौर पर सेकेंडरी हाइपरटेंशन की आशंका होती है, यानी किसी बीमारी के कारण बीपी बढ़ता है। इस उम्र में हाई ब्लड प्रेशर के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे
  • थायरॉइड का असंतुलन
  • किडनी से जुड़ी बीमारियां
  • हार्मोनल समस्याएं जैसे कोर्टिसोल या एल्डोस्टेरोन का बढ़ना।
  • स्लीप एपनिया
  • कुछ दवाइयां, सप्लीमेंट्स या जिम से जुड़े पदार्थ
  • ज्यादा तनाव, नींद की कमी और अत्यधिक कैफीन का सेवन जिम्मेदार हो सकता है।

अगर 170/110 mmHg के साथ ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • तेज या लगातार सिरदर्द
  • सीने में असहजता या दर्द
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • सांस फूलना
  • धुंधला दिखना
  • अचानक कमजोरी या चक्कर आना

23 साल के व्यक्ति में गंभीर हाई बीपी होने पर कौन-सी जांचें कराई जाती हैं?

  • किडनी फंक्शन टेस्ट
  • थायरॉइड प्रोफाइल
  • ECG और इकोकार्डियोग्राम
  • यूरिन टेस्ट
  • किडनी का अल्ट्रासाउंड
  • जरूरत पड़ने पर हार्मोनल टेस्ट
  • 24 घंटे का एम्बूलेटरी बीपी मॉनिटर, ताकि व्हाइट-कोट हाइपरटेंशन को बाहर किया जा सके। इन जांचों से ये पता चलता है कि हाई ब्लड प्रेशर की कोई इलाज योग्य वजह है या नहीं।

क्या सिर्फ लाइफस्टाइल बदलने से कंट्रोल हो सकता है?

  • डॉ सराफ के अनुसार 170/110 mmHg जैसे स्तर पर सिर्फ लाइफस्टाइल बदलाव काफी नहीं होते। अंगों को नुकसान से बचाने के लिए दवाइयां जल्दी शुरू करनी पड़ती हैं। इसके साथ ही कुछ आदतें अपनाना भी जरूरी हैं जैसे
  • नमक का सेवन कम करना
  • एनर्जी ड्रिंक और ज्यादा कैफीन से बचना
  • रोज 30–45 मिनट नियमित एक्सरसाइज करना
  • वजन को कंट्रोल करना
  • अच्छी नींद लेना
  • तनाव कम करने के लिए योग, प्राणायाम या खेलकूद में भाग लेना जरूरी है। ये बदलाव लंबे समय में दवाओं पर निर्भरता कम करने में मदद करते हैं, लेकिन इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।

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