हमारे शरीर में दो प्रमुख आंतें होती हैं छोटी आंत और बड़ी आंत, जो पाचन तंत्र की रीढ़ मानी जाती हैं। छोटी आंत का मुख्य काम भोजन को पचाकर उससे मिलने वाले पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स को शरीर में अवशोषित करना होता है। वहीं बड़ी आंत पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को सोखकर मल को आकार देती है और उसे बाहर निकालने की प्रक्रिया में मदद करती है। अच्छी सेहत के लिए दोनों आंतों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है।
कई बार गलत खानपान, कम फाइबर डाइट, पानी की कमी, लंबे समय तक कब्ज, संक्रमण, तनाव या कुछ दवाओं के कारण आंतों में सूजन आ सकती है। सूजन होने पर पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे पेट में गंदगी जमा होने लगती है और आंतें कमजोर पड़ने लगती हैं। इसका असर सिर्फ पेट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इम्यूनिटी, एनर्जी लेवल और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल, जयपुर के गैस्ट्रो साइंसेज विभाग के विशेषज्ञ डॉ. अभिनव शर्मा के अनुसार, आंतों में सूजन होने पर पेट दर्द, गैस, ब्लोटिंग, बार-बार दस्त या कब्ज, भूख न लगना, मतली और थकान जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। समय रहते इन संकेतों को पहचान कर सही डाइट, पर्याप्त पानी, प्रोबायोटिक फूड और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लेना आंतों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आंतों को हेल्दी रखने के लिए कौन-कौन से फूड्स का सेवन करें।
दही और छाछ आंतों के लिए नेचुरल प्रोबायोटिक
दही और छाछ आंतों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं क्योंकि इनमें नेचुरल प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया आंतों में माइक्रोबायोम को संतुलित रखते हैं, जिससे पाचन बेहतर होता है। नियमित रूप से दही या छाछ लेने से गैस, एसिडिटी और पेट की जलन में राहत मिलती है। यह आंतों की सूजन को कम करते है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
प्याज और लहसुन है गुड बैक्टीरिया का खजाना
प्याज और लहसुन को आंतों के लिए प्रीबायोटिक फूड माने जाते है। इनमें मौजूद इन्यूलिन और सल्फर कंपाउंड्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाते हैं। कच्चा प्याज और हल्का कच्चा लहसुन पाचन रसों को सक्रिय करता है और हानिकारक बैक्टीरिया को कम करने में मदद करता है। नियमित सेवन से कब्ज, गैस और ब्लोटिंग की समस्या में सुधार देखा जा सकता है।
फाइबर है पाचन तंत्र का आधार
साबुत अनाज जैसे गेहूं, जौ, ओट्स, बाजरा और ब्राउन राइस फाइबर से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद घुलनशील और अघुलनशील फाइबर मल त्याग को आसान बनाते हैं और आंतों की सफाई में मदद करते हैं। साबुत अनाज आंतों में गुड बैक्टीरिया को पोषण देते हैं, जिससे कब्ज की समस्या कम होती है। नियमित सेवन से पाचन मजबूत होता है और पेट लंबे समय तक हल्का महसूस करता है।
हरी और पत्तेदार सब्जियां आंतों की हैं दवा
पालक, मेथी, सरसों, ब्रोकली और पत्ता गोभी जैसी हरी सब्जियां आंतों के लिए बेहद लाभकारी होती हैं। इनमें फाइबर, प्रीबायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन्स पाए जाते हैं। ये पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाती हैं और आंतों में सूजन को कम करती हैं। हरी सब्जियां नियमित रूप से खाने से मल त्याग नियमित रहता है और आंतों की कार्यक्षमता बनी रहती है।
केला भी है आंतों की खुराक
केला पाचन के लिए हल्का और फाइबर से भरपूर फल है। इसमें मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और दस्त व कब्ज दोनों में फायदेमंद माना जाता है।
अंकुरित दालें
अंकुरित मूंग और चना आंतों के लिए आसान पचने वाले फूड हैं। इनमें फाइबर और एंजाइम होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं।
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