हम अक्सर अपने दिन की शुरुआत चाय या कॉफी के साथ करते हैं। कॉफी और चाय दोनों में फायदे और नुकसान हैं, लेकिन इन दोनों के सेवन से क्या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा हो सकता है। इसको लेकर कई रिसर्च भी की गई हैं और अभी भी कई रिसर्च जारी है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी की सहकर्मी रिव्यू पत्रिका CANCER में विले ऑनलाइन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एक दर्जन से अधिक अध्ययनों के डेटा के विश्लेषण में कॉफी और चाय को मुंह और गले के कैंसर सहित सिर और गर्दन के कैंसर के विकास के कम जोखिम से जोड़ा गया था।
दुनिया भर में सातवां सबसे आम कैंसर
दरअसल, सिर और गर्दन का कैंसर दुनिया भर में सातवां सबसे आम कैंसर है और यह तेजी से बढ़ भी रहा है। कई अध्ययनों ने यह आकलन किया है कि क्या कॉफी या चाय पीने से सिर और गर्दन के कैंसर का संबंध है, लेकिन इसके नतीजे बेमेल रहे हैं।
क्या कहती है रिसर्च
इसके बारे में और जानने के लिए जांचकर्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय हेड एंड नेक कैंसर महामारी विज्ञान संघ से जुड़े विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा किए गए 14 अध्ययनों के डेटा को चेक किया। जिसमें कैफीनयुक्त कॉफी, डिकैफिनेटेड कॉफी और चाय के प्रभावों को बारीकी से समझने की कोशिश की। जांचकर्ताओं ने सिर और गर्दन के कैंसर वाले 9,548 रोगियों और कैंसर रहित 15,783 नियंत्रणों पर जानकारी इकट्ठा की और पाया कि कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में जो व्यक्ति प्रतिदिन 4 कप से अधिक कैफीनयुक्त कॉफी पीते हैं, उनमें सिर और गर्दन के कैंसर होने की संभावना 17% कम होती है। ऐसे ही 3-4 कप कैफीनयुक्त कॉफी पीने से हाइपोफेरीन्जियल कैंसर (गले के निचले हिस्से में होने वाला एक प्रकार का कैंसर) होने का जोखिम 41% कम होता है।
जांच के मुताबिक, डिकैफिनेटेड कॉफी पीने से ओरल कैविटी कैंसर की संभावना 25% कम हो गई। चाय पीने से हाइपोफेरीन्जियल कैंसर की संभावना 29% कम हो गई। इसके साथ ही प्रतिदिन 1 कप या उससे कम चाय पीने से सिर और गर्दन के कैंसर का जोखिम 9% कम हो गया और हाइपोफेरीन्जियल कैंसर का जोखिम 27% कम हो गया, लेकिन 1 कप से ज्यादा चाय पीने से लेरिंजियल कैंसर की संभावना 38% ज्यादा हो गई।
हंट्समैन कैंसर इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा स्कूल ऑफ मेडिसिन के वरिष्ठ लेखक युआन-चिन एमी ली के अनुसार, कॉफी या चाय और कैंसर के जोखिम को कम करने पर पहले भी रिसर्च हो चुके हैं, लेकिन इस अध्ययन ने सिर और गर्दन के कैंसर के अलग-अलग प्रभावों को उजागर किया है, जिसमें यह सामने आया कि डिकैफिनेटेड कॉफी का भी कुछ सकारात्मक प्रभाव था। हालांकि, युआन-चिन एमी ली के अनुसार इस संबंध में और रिसर्च की आवश्यकता है।
आज के युवा खराब डाइट ले रहे हैं, तनाव में है, बॉडी एक्टिविटी में कमी है और ओवर वेट हैं तो हार्ट में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ने लगता है। 50 फीसदी ब्लॉकेज के बाद हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ने लगता है।