हमारी ओरल हेल्थ एक दर्पण की तरह है, जो यह बताता है कि हमारा शरीर कितना हेल्दी और फिट है। अगर, मुंह साफ न हो तो सिर्फ दांतों की ही नहीं, बल्कि कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, दिन में दो बार ब्रश करना दांतों को स्वस्थ रखने के लिए हर डेंटिस्ट की पहली सलाह होती है। ब्रशिंग से दांतों की सतह पर जमी हुई प्लाक यानी चिपचिपी बैक्टीरियल परत हटती है, लेकिन क्या आप जानते हैं, सिर्फ ब्रश करना ही काफी नहीं है। फ्लॉसिंग यानी दांतों के बीच फंसे खाने के कण और बैक्टीरिया को हटाना भी उतना ही जरूरी है।
डेंटल सर्जरी के डॉक्टर, डीडीएस, डॉ. मार्क बेंटले ने ओरल हेल्थ को लेकर अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने दांतों की सही तरह से सफाई और फ्लॉसिंग करना तरीका बताया है। वीडियो में सही और गलत फ्लॉसिंग का फर्क दिखाया गया। वीडियो में दिखाया गया कि ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फ्लॉसिंग का मतलब है दांतों के बीच धागे को डालकर सीधा ऊपर-नीचे करना। हालांकि, ऐसा नहीं है फ्लॉसिंग करने का यह सही तरीका नहीं है।
डॉ. मार्क बेंटले के मुताबिक, हर कोई सोचता है कि उसे फ्लॉस करना आता है, लेकिन 90% लोग इसे गलत तरीके से करते हैं और इसका असर दांतों में कैविटी, सांसों की दुर्गंध और मसूड़ों की बीमारी के रूप में सामने आता है। ऐसे में सेहत के साथ-साथ दांतों की हेल्थ के लिए फ्लॉस करने का सही तरीका जानना बहुत लाभकारी हो सकता है।
फ्लॉस करने का सही तरीका
फ्लॉस को धीरे-धीरे दांतों के बीच ले जाएं। जब फ्लॉस गम लाइन यानी मसूड़े के किनारे तक पहुंचे, तो उसे एक दांत की सतह के चारों ओर C शेप में मोड़ें। हर दांत के दोनों किनारों पर यही प्रक्रिया दोहराएं। हालांकि, ध्यान रहे, फ्लॉस को जोर से खींचकर मसूड़ों पर न मारें, इससे मसूड़ों को चोट लग सकती है।
क्यों जरूरी है रोजाना फ्लॉस करना?
कनाडा की औषधि एजेंसी (CDA) और अन्य डेंटल संस्थानों के अनुसार, फ्लॉसिंग दिन में कम से कम एक बार जरूरी है। इसे करने से दांतों के बीच फंसा खाना साफ किया जा सकता है, जिससे बैक्टीरिया नहीं पनप पाएंगे, जिससे कैविटी बनती है। इसके साथ ही गम डिजीज की रोकथाम की जा सकता है। फ्लॉसिंग खाने के कण हटाकर सांस की दुर्गंध कम करती है और बदबू से छुटकारा मिलता है। ब्रशिंग और फ्लॉसिंग का सही कॉम्बिनेशन दांतों को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है।
दांतों की देखभाल कैसे करें
- रोजाना दो बार 2 मिनट तक ब्रश करें।
- दिन में कम से कम एक बार सही तरीके से फ्लॉस करें।
- माउथवॉश का इस्तेमाल करें ताकि बैक्टीरिया कम हों।
- नियमित रूप से हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।