फैटी लिवर एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है। फैटी लिवर का समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो ये गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। फैटी लिवर समस्या में लिवर में वसा यानी फैट जमा होने लगता है। फैटी लिवर बीमारी के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) आदि शामिल है। दरअसल, लिवर शरीर में महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो भोजन से पोषक तत्वों को प्रोसेस, खून से विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन को फिल्टर, एल्ब्यूमिन और थक्के बनाने वाले कारकों जैसे महत्वपूर्ण प्रोटीन का उत्पादन करने का काम करता है। जब लिवर की कोशिकाओं में फैटी एसिड और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं, तो लिवर फैटी हो जाता है।
अपोलो हॉस्पिटल्स हेल्थ ऑफ द नेशन रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, 2.5 लाख से अधिक व्यक्तियों में से 65% को फैटी लिवर की बीमारी थी, और इनमें से 85% मामले गैर-अल्कोहल प्रकृति के थे। नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर NAFLD को मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टेटोटिक लिवर रोग (MASLD) के रूप में भी जाना जाता है। NAFLD आमतौर पर उन लोगों में होता है जो बहुत कम या बिल्कुल भी शराब नहीं पीते हैं। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स लिवर एंड डाइजेस्टिव डिजीज इंस्टीट्यूट, निदेशक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हैपेटॉबिलिअरी साइंसेज, दिल्ली, डॉ. पंकज पुरी ने बताया कि लिवर की समस्या होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
फैटी लिवर के लक्षण
फैटी लिवर के लक्षण बहुत स्पष्ट दिखाई नहीं देते। आमतौर पर इन्हें सामान्य मानकर लोग अनदेखा कर देते हैं, लेकिन कुछ लोगों में थकान, पेट में दर्द या हल्का वजन कम होना महसूस हो सकता है। अगर, आप इन लक्षणों को लगातार अनुभव कर रहे हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। इसके अलावा फैटी लिवर के कुछ लक्षण हाथों पर भी दिखाई दे सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हथेलियां लाल होना
फैटी लिवर के शुरुआती लक्षणों में से एक हथेलियां लाल होना भी है। इसे पामर एरिथेमा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हथेलियां लाल दिखाई देती हैं, खासकर अंगूठे और छोटी उंगली के आधार के आसपास ज्यादा लाल होती है। यह लिवर की शिथिलता के कारण ब्लड फ्लो में बदलाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।
खुजली
फैटी लिवर के कारण हाथों सहित त्वचा पर खुजली हो सकती है। लिवर द्वारा पित्त लवणों को ठीक से संसाधित नहीं किए जाने पर खुजली हो सकती है। ये ब्लड फ्लो में जमा हो जाते हैं और त्वचा के नीचे जमा हो जाते हैं, जिससे जलन और लगातार खुजली होती है।
पतली और नाजुक त्वचा
लिवर की समस्या के कारण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे हाथों की त्वचा पतली और अधिक नाजुक हो जाती है। इससे त्वचा पर चोट लगने, फटने और रूखेपन का खतरा बढ़ जाता है, जो कोलेजन उत्पादन में कमी और उपचार क्षमता में कमी का संकेत है।
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