डायबिटीज इस वक्त दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। यूं तो ये गंभीर बीमारी किसी को भी कई कारणों के चलते हो सकती है लेकिन, हेल्थ एक्सपर्ट्स खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को डायबिटीज के शुरुआती कारणों में से सबसे अहम बताते हैं। गलत खानपान और शारिरिक गतिविधियों में ढीलापन पैंक्रियाज से निकलने वाले हार्मोन इंसुलिन की मात्रा को कम करने लगता है। इससे शुगर का पाचन सही ढंग से नहीं हो पाता है और शुगर ब्लड में जमा होना शुरू हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।

वहीं, इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज भी नहीं मिल पाया है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स जीवनशैली में हेल्दी बदलावों के साथ-साथ खानपान में कुछ खास चीजों को शामिल कर ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा सामान्य करने की सलाह देते हैं। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको एक ऐसी खास चीज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका सेवन करने से डायबिटीज पर काफी हद तक कंट्रोल पाया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

क्या है ये खास चीज?

दरअसल, हम यहां हरीतकी के चूर्ण की बात कर रहे हैं। आयुर्वेद में हरीतकी को एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है। ये त्रिफला चूर्ण में पाए जाने वाले तीन फलों में से एक है, जिसे हरड़, कदुक्‍कई, कदुक्‍का पोडी और हर्रा के नामों से भी जाना जाता है। वहीं, इसके पौधे का वैज्ञानिक नाम टर्मिनालिया चेबुला (Terminalia chebula) है और अंग्रेजी में इसे मायरोबालन (Myrobalan) के नाम से जाना जाता है।

साइंस डायरेक्ट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये पौधा केवल भारत या फिर ईरान में ही पाया जाता है, वहीं दोनों ही देशों में इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के असर को कम करने के लिए किया जाया है। आइए जानते हैं डायबिटीज पर ये किस तरह असरदार है-

शुगर के मरीजों के लिए कैसे है फायदेमंद?

बता दें कि हरीतकी को लेकर की गई अबतक कई रिसर्च इस बात का खुलासा करती हैं कि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण मौजूद होते हैं, जो इसे मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद बनाते हैं। हरीतकी के सेवन से शरीर में अचानक इंसुलिन स्पाइक नहीं होता है, ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, नियमित रूप से हरीतकी के चूर्ण का सेवन करने से डायबिटीज में होने वाली अन्य परेशानियों जैसे अत्यधिक प्यास लगना, वजन कम होना, बार-बार पेशाब आना, आदि से भी राहत पाई जा सकती है।

ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स एक चम्मच हरीतकी चूर्ण को एक गिलास पानी में रातभर भिगोकर रखने और अगली सुबह पानी को छानकर इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।

और भी हैं कई फायदे

डायबिटीज से अलग हरीतकी सेहत से जुड़ी और भी कई तरह की परेशानियों से निजात दिलाने में आपकी मदद कर सकती है। इसमें विटामिन-सी, विटामिन- के, अमीनो एसिड, मैग्नीशियम, फ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आयुर्वेद में हरीतकी का इस्तेमाल बुखार, अपच, कब्ज, खांसी, उल्टी और बवासीर जैसी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए किया जाता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।