बॉडी में बढ़े हुए यूरिक एसिड के कारण घुटनों में तेज दर्द, जोड़ों और घुटनों में सूजन, उठने-बैठने में तकलीफ और हड्डियों में टेढ़ेपन समेत कई तरह की समस्याएं आती हैं। खराब जीवन-शैली और खानपान से होने वाली बीमारियों में से एक हाई यूरिक एसिड भी है। बॉडी में प्यूरीन नामक तत्व टूटने से यूरिक एसिड निकलता है। यूं तो किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद मूत्र मार्ग के जरिए यूरिक एसिड बॉडी से बाहर निकल जाता है।

लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है तो किडनी भी इसे फिल्टर नहीं कर पाती। जिसके कारण यह क्रिस्टल्स के रूप में हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है। मेडिकल टर्म में हाई यूरिक एसिड को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। इसके कारण गाउट, गठिया-बाय, दिल का दौरा और मल्टीपल ऑर्गन फिलेयर का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में यूरिक एसिड को कंट्रोल करना बेहद ही जरूरी है।

हाई यूरिक एसिड के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ घरेलू उपाय हैं, जिनके जरिए बॉडी में यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है।

छोटी इलायची: औषधीय गुणों से भरपूर छोटी इलायची में कैल्शियम, पौटैशिय, आयरन और मैग्निशियम के साथ ही फायटोकेमिकल्स जैसे मायकेनिन, लाइमोनीन और मेंथोफोन पाए जाते हैं। यह तत्व बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित रखते हैं। साथ ही छोटी इलायची जोड़ों में दर्द और सूजन को भी कम करने में मददगार साबित हो सकती है। रात को एक गिलास पानी में 4-5 छोटी इलायची को मिलाकर रख दें। सुबह उठने के बाद इसका सेवन करें। नियमित तौर पर इसका सेवन करने से फायदा मिल सकता है।

बेरीज: बेरीज जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और रास्बेरी में न्टीइनफ्लैमटरी गुण पाए जाते हैं, जो हड्डियों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को जमा होने से रोकते हैं। यूरिक एसिड के मरीजों को नियमित तौर पर बेरीज का सेवन भी करना चाहिए।

सेब: प्रतिदिन सेब का सेवन करने की सलाह तो डॉक्टर्स भी देते हैं। सेब में मौजूद तत्व स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियों को दूर रखने के साथ ही यूरिक एसिड को भी बेअसर करते हैं। साथ ही यह हड्डियों को भी मजबूत करता है।