आपने अक्सर अपने आसपास कई लोगों को कबूतरों को दाना डालते हुए देखा होगा। खासकर पूजा स्थलों के इर्द-गिर्द लोग ऐसा ज्यादा करते हैं, क्योंकि कबूतरों का दाना डालना धर्म-कर्म से जोड़कर देखा जाता है। इसके अलावा कई लोग अपने घरों की छत पर भी कबूतरों को दाना खिलाने की अलग से व्यवस्था करके रखते हैं, तो कई सुबह-शाम खिड़की या घर के चौबारे में इस पक्षी के लिए दाना डाल देते हैं। वहीं, अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं और नियमित तौर पर या कभी-कभार इस तरह कबूतर को दाना डालते हैं, तो बता दें कि जाने-अनजाने में आप अपनी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं, आपकी ये आदत आपके आसपास मौजूद लोगों को भी बहुत बीमार बना सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
क्या है पूरा मामला?
इन दिनों सोशल मीडिया पर ‘गिव मी ट्रीज़ ट्रस्ट’ (Give me Trees Trust) के फाउंडर पीपल बाबा (Peepal Baba) का एक पुराना वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं, वीडियो में पीपल बाबा जो कुछ कह रहे हैं उसे सुनकर अधिकतर लोग हैरान हैं। वे बताते हैं कि कबूतर को दाना डालने की आपकी ये आदत आपको और आपके आसपास मौजूद लोगों को गंभीर बीमारियों से घेर सकती है। इसके अलावा ऐसा कर आप कबूतर की सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पीपल बाबा के मुताबिक, कबूतर एक ऐसा पक्षी है जो ज्यादातर अपने आसपास मौजूद कीड़े-मकोड़ों को खाकर जिंदा रहता है। वहीं, जब आप इन्हें गेहूं, बाजरा, चावल, जौं आदि अनाज खिलाते हैं, तो जाने-अनजाने में आप एक अनचाहे खतरे को न्योता दे बैठते हैं।
कैसा खतरा?
वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आप एक कबूतर को हर दिन सुबह-शाम दाना खिलाते हैं, तो वो सालभर में करीब 12 से 13 किलो बीट करता है। इससे अलग आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि कबूतर की बीट से कुछ इस तरह के बैक्टीरिया पैदा होते हैं जो हवा में जाकर इंफेक्शन फैलाते हैं। इससे आपके फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। कबूतर की बीट सूख जाने के बाद पाउडर का रूप ले लेती है। हवा के संपर्क में आने पर ये हमारे भीतर जाती है, जिससे अस्थमा से लेकर फेफड़ों से जुड़ी और भी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
इसके अलावा कबूतरों पर हुए एक शोध में भी खुलासा हुआ है कि इस पक्षी की बीट के संपर्क में आने से हाइपरसेंसिटिव निमोनिया नाम की गंभीर बीमारी आपको घेर सकती है। इसके चलते आपको सूखी खांसी, सांस लेने में परेशानी, मसल्स में दर्द, सीने में जकड़न, बेवजह ठंड लगना, अधिक थकान, तेज बुखार, बिना किसी कारण के वजन कम होना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा लंबे समय तक इस बीमारी से ग्रसित होने पर बात जान पर भी बन सकती है। जबकि अधिक चिंता की बात यह है कि इस बीमारी के लक्षण आपको जल्दी नजर भी नहीं आते हैं।
कबूतर के लिए क्यों है खतरनाक?
अब, बात अगर कबूतरों की करें तो इस पक्षी को भोजन कराने का ये बनावटी तरीका उनके शरीर में पौष्टिक चीजों की कमी पैदा कर सकता है। इसके अलावा एक शोध की रिपोर्ट बताती है कि लोगों के इस उपकारी रवैये के कारण कबूतरों की तादाद जरूरत से ज्यादा बढ़ रही है, जो बाकि पक्षियों के लिए खतरे की घंटी है। जबकि सच्चाई यह है कि अगर हम इस तरह से कबूतरों को दाना न भी खिलाएं तो भी वे जीवित रहेंगे, और अधिक लंबे समय तक जी सकेंगे।
क्या है विकल्प?
बावजूद इसके अगर आप पक्षियों के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो आप उन्हें पानी पिला सकते हैं। इसके लिए सावधानी बरतते हुए घर से अलग किसी खाली और खुली जगह पर पक्षियों के पानी रखें। ऐसा कर आप उनके साथ-साथ अपनी सेहत का भी ख्याल रख पाएंगे।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।