पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Cancer) कहा जाता है, तब होता है जब पेट की भीतरी परत (stomach lining) की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है, इसलिए शुरुआती चरण में इसे पहचानना मुश्किल होता है। पेट के कैंसर के लिए Helicobacter pylori infection जिम्मेदार है। H pylori एक बैक्टीरिया है जो पेट की परत में संक्रमण फैलाता है। लंबे समय तक यह संक्रमण रहने से पेट में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (chronic gastritis) होता है, जो आगे चलकर कोशिकाओं में बदलाव लाता है और कैंसर बनने की शुरुआत कर सकता है।

पेट के इस कैंसर के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे बहुत ज्यादा नमकीन, धुएं में पकाया गया खाना, प्रोसेस्ड खाना जैसे स्मोक्ड मीट, पिकल्स, सॉसेज खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है। डाइट में ताजे फल और सब्जियों का सेवन नहीं करना पेट के कैंसर का कारण बनता है।  बहुत गर्म या मसालेदार खाना पेट की झिल्ली को बार-बार नुकसान पहुंचाता है, जिससे कैंसर बनने की संभावना बढ़ जाती है।

पेट का कैंसर होने से पहले बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जिसे अक्सर लोग पाचन से जुड़ी परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। अक्सर लोग खाने के बाद पेट फूलने, जलन या मतली को एसिडिटी, तनाव या गलत खान-पान का नतीजा मान लेते हैं। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कई बार ये मामूली दिखने वाले लक्षण पेट के कैंसर यानी गैस्ट्रिक कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट (मेडिकल ऑन्कोलॉजी) डॉ. अंकित जैन के मुताबिक गैस्ट्रिक कैंसर धीरे-धीरे और चुपचाप विकसित होता है। इसके शुरुआती संकेत बहुत हल्के होते हैं और आमतौर पर इन्हें सामान्य पाचन समस्याओं के रूप में नजरअंदाज कर दिया जाता है। अगर इन लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए तो बीमारी को समय पर पकड़ा जा सकता है और उसका इलाज भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि पेट के कैंसर के बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।

थोड़ा खाना खाते ही पेट भर जाना

अगर आपको लगता है कि कुछ ही निवालों के बाद पेट भर गया है या खाना खाने की इच्छा नहीं होती तो इसे हल्के में न लें। ऐसा तब होता है जब पेट में बढ़ता हुआ ट्यूमर पेट की क्षमता को कम कर देता है या डाइजेशन को धीमा कर देता है। समय के साथ यह भूख कम होने और वजन घटने का कारण बनता है। बहुत से लोग इसे  पेट की गैस या ओवरईटिंग समझकर नजरअंदाज कर देते हैं जो खतरनाक हो सकता है।

खाना के बाद पेट फूलना और डकार आना

खाने के बाद बार-बार ब्लोटिंग (पेट फूलना) या लगातार डकार आना कैंसर के शुरुआती संकेतों में से एक हो सकता है। पेट की अंदरूनी परत (stomach lining) में बदलाव होने से गैस फंसने लगती है। अगर यह समस्या हर बार हल्के खाने के बाद भी होती है, तो यह सामान्य नहीं है।

हल्की मतली जो बार-बार होती रहे

अगर बिना किसी कारण के बार-बार मतली या जी मचलाना महसूस होता है तो ये संक्रमण प्रेग्नेंसी या खराब भोजन से जुड़ा नहीं हो तो ध्यान दें। यह पेट की अंदरूनी दीवार में सूजन या कैंसर की शुरुआती गतिविधि का संकेत हो सकता है। कई बार यह लक्षण आता-जाता रहता है, इसलिए लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन अगर मतली एक पैटर्न बन जाए तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

बिना वजह आयरन की कमी होना

कई बार पेट की अंदरूनी परत से धीरे-धीरे अंदरूनी खून बहता रहता है, जो बाहर से दिखाई नहीं देता। यह माइक्रोस्कोपिक ब्लीडिंग शरीर में आयरन की कमी पैदा कर देती है। ऐसा होने पर स्किन का रंग पीला पड़ने लगता है,चक्कर आते हैं, सांस फूलता है,नाखून भुरभुरे होने लगते हैं। अगर ऐसी स्थिति बिना किसी स्पष्ट कारण के दिखे, तो यह कैंसर के शुरुआती संकेतों में से एक हो सकता है।

खाने की पसंद में अचानक बदलाव

अगर अचानक आपको भारी, मसालेदार या प्रोटीन वाले भोजन से असहजता होने लगे जैसे जलन, गैस या एसिडिटी तो ये साफ संकेत हो सकता है कि पेट की परत सूज चुकी है और वह कुछ खाद्य पदार्थों को पचाने में सक्षम नहीं रही। ये सामान्य फूड सेंसिटिविटी नहीं बल्कि गैस्ट्रिक कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

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