डायबिटीज के मरीजों के लिए अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। क्योंकि, इससे कई तरह की खतरनाक बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में सामान्य तौर पर ग्लूकोज का स्तर 80/110 मिली/डीएल के बीच होता है। हालांकि, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 72 मिली/डीएल या फिर उससे कम हो तो वह लो शुगर लेवल की श्रेणी में आता है। मेडिकल टर्म में इस स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है।
शरीर में ब्लड शुगर लेवल के कम होने के कारण हेपेटाइटिस, लिवर खराब होना, किडनी खराब होना, मानसिक संतुलन बिगड़ना, बेचैनी, घबराहट और चक्कर आने जैसी समस्या होने लगती है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को देर तक भूखा नहीं रहना चाहिए, क्योंकि, इससे ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
लो ब्लड शुगर लेवल की समस्या से जूझ रहे लोगों को हमेशा नाश्ते में हेल्दी चीजें खानी चाहिए और कभी अपना नाश्ता छोड़ना नहीं चाहिए।
-खाने में जौ करें शामिल: डायबिटीज के मरीजों के लिए जौ काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि, इसमें डाइट्री फाइबर तत्व मौजूद होते हैं। जौ ओट्स के मुकाबले कई गुना प्रोटीन देता है। साथ ही हार्ट अटैक जैसी जानलेवा और खतरनाक बीमारी के खतरे को भी कम करता है। ऐसे में डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को खाने में जौ को शामिल करना चाहिए।
-लो फैट दही: लो फैट दही स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद हैं, जैसे-प्रोटीन और कैल्शियम। लो फैट दही को आप अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं। यह टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना को भी कम करता है।
-फल और बादामों का करें सेवन: ग्लाइसीमिया से जूझ रहे लोगों के लिए बादाम का नियमित सेवन करना लाभदायक हो सकता है। क्योंकि, इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही सीजन के हिसाब से फल का सेवन भी करना चाहिए। आप चाहें तो रोजाना नाश्ते में 4-5 बादाम और फलों को शामिल कर सकते हैं।
-ओटमील: ओट्स से बना खाना ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में काफी मदद करता है। ओटमील में ओमेगा 3 फैटी एसिड, पोटेशियम और फोले भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने का आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। ओटमील को आप लो फैट दूध में पका सकता हैं।