कब्ज एक बहुत बड़ी परेशानी है जिसमें मल त्याग करना किसी जंग जीतने जैसा होता है। कब्ज की वजह से लोग घंटों टॉयलेट में जोर आजमाइश करते रहते हैं तो भी उनके पेट की पूरी सफाई नहीं होती। पेट की सफाई नहीं होने की वजह से पाचन से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं जैसे गैस, एसिडिटी, अपच और सीने में जलन। कब्ज का इलाज करने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। कुछ लोग घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं तो कुछ दवाइयों का सेवन करते हैं।
कुछ लोगों का पेट हफ्तों तक साफ नहीं होता ऐसे लोग पेट की सफाई के लिए एनीमा का इस्तेमाल करते हैं। एनीमा मल त्याग में मदद करता है जिसे सीधे मलाशय में डाला जाता है। जिन लोगों का कब्ज कई तरह का उपचार करने के बाद भी ठीक नहीं होता ऐसे लोग पेट की सफाई करने के लिए एनीमा का इस्तेमाल करते हैं। एनीमा का इस्तेमाल कोलोनोस्कोपी की तैयारी के लिए कोलन को साफ करने के लिए भी किया जाता है।
कब्ज से परेशान लोग कुछ आयुर्वेदिक तरीक को अपना सकते हैं। कुछ आयुर्वेदिक उपचार ऐसे हैं जो कब्ज से राहत दिलाते हैं और एनीमा की तरह ही पेट की सफाई करते हैं। आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक बॉडी को अंदर से साफ करना बेहद जरूरी है।
हम बॉडी की बाहर की सफाई कर लेते हैं लेकिन बॉडी अंदर से गंदगी का ढेर बनी रहती जिसकी स्कैनिंग अगर हम करें तो हफ्तों घिन खाकर खाना नहीं खाएंगे। आप भी बॉडी की अंदर से सफाई करना चाहते हैं और आंतों की गंदगी को बाहर निकालना चाहते हैं तो इन चार तरीकों को अपनाएं बेहद आसानी से कोलन की हो जाएगी सफाई और बॉडी भी हो जाएगी डिटॉक्स।
गर्म पानी में नींबू डालकर पिएं
पेट की गंदगी को साफ करना चाहते हैं और बॉडी को डिटॉक्स करना चाहते हैं तो गर्म पानी में नींबू डालकर पिएं। इस तरीके को अपनाकर आप रात भर से पेट में जमा टॉक्सिन और बायो प्रोडक्ट को पेट से निकाल सकते हैं। गर्म पानी का सेवन आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को एक्टिवेट करता है और डाइजेस्टिव फायर को भी स्टिमुलेट करता है। गर्म पानी के साथ नींबू का रस आपकी बॉडी को डबल फायदा पहुंचाता है।
फाइबर का सेवन बढ़ाएं
गट की सफाई करना चाहते हैं तो डाइट में फाइबर रिच फूड्स का सेवन करें। फाइबर से भरपूर फूड्स आपके पेट की अंदर तक सफाई करते हैं और गट हेल्थ को दुरुस्त करते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक रोजाना 30 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। भरपूर मात्रा में फाइबर खाने से दिल की बीमारी, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज और आंत के कैंसर का जोखिम कम होता है। फाइबर रिच फूड्स में आप दलिया, जामुन,सीड्स, बींस,नट का सेवन करें। फलों और सब्जियों का सेवन करें।
खाने के साथ ही खाने के समय का रखें ध्यान
अगर आपकी आदत है कि आप रात को देरे से डिनर करते हैं और सुबह देर से नाश्ता करते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल लें। आपकी ये आदत आपकी बॉडी को गंदगी का ढेर बना रही है। अगर आप रात को जल्दी खाना खा लेते हैं तो आपके पेट को ऑटो क्लीनिंग मोड में आने का समय मिल जाता है। आप जल्दी खाना खाते हैं और फिर सुबह नाश्ता करते हैं तो ये लम्बा गैप हमारी बॉडी और आंतों की सफाई करने का बेहतर समय देता है। समय की पाबंदी का ध्यान रखकर न सिर्फ अपने पाचन को दुरुस्त कर सकते हैं बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट कर सकते हैं। इस तरीके से आपका फैट भी तेजी से बर्न होता है, बॉडी को एनर्जी मिलती है और गट हेल्थ में भी सुधार होता है।
फिजिकल एक्टिविटी भी है जरूरी
गट हेल्थ के साथ ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्यान दें। हर दिन एक्सरसाइज करके बॉडी तो फिट रहती ही है साथ ही साथ बॉडी को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। फिजिकल एक्टिविटी करने से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त रहता है और बॉडी को जरूरी अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलती है। फिजिकल एक्टिविटी टॉक्सिन को बॉडी से बाहर निकालने में जादुई असर करती है।