प्री-डायबिटीज एक ऐसी स्थिति होती है जब ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से ज़्यादा होता है, लेकिन इतना नहीं कि उसे डायबिटीज कहा जाए। इसे तब डायग्नोज किया जाता है जब फास्टिंग ग्लूकोज़ 100 से 125 mg/dL के बीच होता है। प्री-डायबिटीज में अक्सर लक्षण नहीं दिखते, लेकिन यह इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत होता है जो धीरे-धीरे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, किडनी और नर्व डैमेज का कारण बन सकता है। अच्छी खबर यह है कि प्री-डायबिटीज रिवर्स हो सकती है, यानी ब्लड शुगर को फिर से नॉर्मल किया जा सकता है और डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक अमेरिका में 3.7 करोड़ से अधिक लोगों को डायबिटीज है, और इनमें से 70 लाख से ज़्यादा लोगों को यह पता ही नहीं है कि उन्हें ये बीमारी है। emory healthcare की खबर के मुताबिक प्री-डायबिटीज को आसानी से रिवर्स किया जा सकता है। लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके इस स्थिति को पूरी तरह उलटा जा सकता है। आइए जानते हैं कि प्री डायबिटीज को कैसे रिवर्स करें।

वजन कम करें

वजन कम करें, इस छोटे से बदलाव से बड़ा फर्क साफ दिख सकता है। 2024 की एक स्टडी के अनुसार जिन लोगों ने अपने शरीर का सिर्फ 5–7% वजन घटाया उनमें ब्लड शुगर का स्तर नॉर्मल हो गया। हल्का-सा वजन कम करने से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और शुगर कंट्रोल करना आसान होता है। क्रैश डाइट से बचें और धीरे-धीरे वजन कम करने पर ध्यान दें। वजन कम करने के लिए हर दिन थोड़ा एक्टिव रहें, संतुलित डाइट लें और हाई-कैलोरी फूड कम खाएं। निरंतर छोटे बदलाव लंबे समय में बड़े परिणाम देते हैं।

रोज़ाना बॉडी को एक्टिव रखें

एक्सरसाइज इंसुलिन को अधिक प्रभावी बनाती है, जिससे मांसपेशियां ग्लूकोज़ को एनर्जी के रूप में उपयोग करती हैं। Diabetes Prevention Program के मुताबिक जो लोग हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज़ करते थे, उनमें डायबिटीज का खतरा 58% तक कम हुआ। एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज़ चलना और रेजिस्टेंस ट्रेनिंग दोनों का कॉम्बिनेशन सबसे फायदेमंद है। नियमित एक्टिविटी ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने की कुंजी है।

संपूर्ण और पौष्टिक आहार खाएं

मेडिटेरेनियन डाइट पर कई रिसर्च बताती हैं कि इसमें शामिल जैतून का तेल, नट्स, सब्जियां, मछली और साबुत अनाज ब्लड शुगर को नॉर्मल रखने में मदद करते हैं। प्री डायबिटीज हैं और इस बीमारी को रिवर्स करना चाहते हैं तो आप रिफाइंड कार्ब, मीठे स्नैक्स और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से बचें। डाइट में सब्जियां, दालें, फल, साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स और लीन प्रोटीन जैसे फूड्स का सेवन करें। ये फूड शुगर को धीरे-धीरे अवशोषित करते हैं और इंसुलिन रेस्पॉन्स को सुधारते हैं। हेल्दी डाइट प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने की सबसे अहम कड़ी है। आप सुबह खाली पेट मेथी दाना का पानी पिएं काफी मदद मिलेगी।

पर्याप्त और क्वालिटी टाइम नींद लें

नींद की कमी ब्लड शुगर को बढ़ाने वाले हार्मोन्स को असंतुलित करती है। जो लोग रोज़ 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस ज़्यादा पाया गया है। 7 से 9 घंटे की नींद शरीर की मेटाबॉलिक हेल्थ को सुधारती है। हर दिन एक समान समय पर सोना और जागना जरूरी है। बेहतर नींद से शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है।

तनाव कम करें और नशीले पदार्थों से परहेज करें

लंबे समय तक तनाव में रहने से कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो ब्लड शुगर को कम होने से रोकता है। मेडिटेशन, योग, डीप ब्रीदिंग या नेचर में समय बिताने से तनाव घटता है और शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है। धूम्रपान ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन बढ़ाता है, जबकि शराब ट्राइग्लिसराइड्स और ग्लूकोज़ असंतुलन का कारण बनती है। इनसे दूरी रखकर आप प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने की दिशा में बड़ा कदम उठा सकते हैं।

डायबिटीज का टेस्ट भी है जरूरी

हर 3–6 महीने में फास्टिंग ग्लूकोज़ और HbA1c टेस्ट कराते रहें ताकि पता चले कि शरीर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है। साथ ही वजन, कमर की माप, नींद और तनाव स्तर पर भी नज़र रखें। यदि लाइफस्टाइल बदलने के बाद भी सुधार नहीं दिखता, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। 

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