डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर इंसुलिन नामक हार्मोन का सही उपयोग नहीं कर पाता या पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता। डायबिटीज को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है, अगर डायबिटीज को लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया जाए तो इससे हृदय रोग, किडनी फेल्योर, नर्व डैमेज, आंखों की रोशनी कम होना और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वजन कंट्रोल और दवाओं का सही तरीके से सेवन करना जरूरी है।
डायबिटीज में हेल्दी डाइट का सेवन करना जितना जरूरी है उतना ही अनहेल्दी फूड्स से परहेज करना जरूरी है। तनाव को कंट्रोल करना और पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है। डायबिटीज मरीजों के लिए जरूरी है कि समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच कराते रहे ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज एक्सपर्ट डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करके कुछ फूड्स और एक्सरसाइज की जानकारी दी है। एक्सपर्ट ने बताया अगर 3 तरह के फूड्स और एक्सरसाइज को एक हफ्ते तक किया जाए तो आसानी से 300 mg/dl ब्लड शुगर को 100 mg/dl तक किया जा सकता है। आइए जानते हैं डायबिटोलॉजिस्ट के नुस्खे कैसे डायबिटीज मरीजों की ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।
कार्बोहाइड्रेट पर कंट्रोल करें
डायबिटीज एक्सपर्ट ने बताया अगर आप डायबिटीज कंट्रोल करना चाहते हैं तो कार्बोहाइड्रेट पर कंट्रोल करें। कार्बोहाइड्रेट में आप सिर्फ मीठी चीजों पर ही कंट्रोल नहीं करें बल्कि आप अनाज पर भी कंट्रोल करें। चावल और गेहूं में भरपूर कार्बोहाइड्रेट होता है जिसका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। एक्सपर्ट ने बताया आप कार्बोहाइड्रेट को कंट्रोल करने के लिए एक समय में एक अनाज का सेवन करें। एक साथ रोटी और चावल का सेवन कार्बोहाइड्रेट का लोड बढ़ा सकता है जिससे ब्लड में शुगर का स्तर हाई होता है। अगर आप रोटी खा रहे हैं तो उसके साथ प्रोटीन और फाइबर का सेवन करें। आप रोटी के साथ एक कटोरी दाल और एक कटोरी सब्जी का सेवन करें।
याद रखें कि एक रोटी को एक कटोरी दाल और एक कटोरी सब्जी के साथ खाएं। दूसरी रोटी की भूख है तो आप उसके साथ फिर से एक कटोरी दाल और एक कटोरी सब्जी का सेवन करें। आप खाने से पहले एक प्लेट सलाद खाएं तो आपका पेट जल्दी भरेगा और ओवर इटिंग भी कंट्रोल रहेगी। इस तरह की डाइट का सेवन करने से भूख और तृप्ति को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन जैसे घ्रेलिन (Ghrelin) और लेप्टिन (Leptin) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आपको बता दें कि घ्रेलिन हंगर हॉर्मोन होता है, यह तब बढ़ता है जब पेट खाली होता है। लेप्टिन को “सैटायटी हॉर्मोन” कहा जाता है जो मस्तिष्क को संकेत देता है कि पेट भर चुका है।
गुरुत्वाकर्षण विरोधी एक्सरसाइज करें
अगर खाने के बाद आपकी ब्लड शुगर तेजी से बढ़ती है तो आप गुरुत्वाकर्षण विरोधी एक्सरसाइज करें। इस एक्सरसाइज में आप सीढ़ियों पर ऊपर नीचे आ जा सकते हैं। अगर आपको घुटनों में दिक्कत है तो आप नाइट्रिक ऑक्साइड डंप नाम की एक्सरसाइज कर सकते हैं। इस तरह की एक्सरसाइज में बॉडी के ऊपर के हिस्से की एक्सरसाइज होती है। ये एक्सरसाइज आसानी से ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करने में मदद कर सकती है।
सुबह दूध और दूध से बने पदार्थों से परहेज करें
जिन लोगों का ब्लड शुगर का स्तर हाई रहता है वो सुबह सुबह दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन करने से परहेज करें। मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट में मॉलिक्यूल होता है जो इंसुलिन को ठीक से काम नहीं करने देता। कुछ रिसर्च के मुताबिक दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स, खासकर फुल-फैट मिल्क या प्रोसेस्ड डेयरी प्रोडक्ट कुछ लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकते हैं। दूध में मौजूद एक प्रोटीन – केसिन (Casein) और कुछ सैचुरेटेड फैट्स ऐसे मॉलिक्यूल्स रिलीज़ करते हैं जो शरीर की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। सुबह-सुबह दूध का सेवन कुछ लोगों के लिए शुगर स्पाइक कर सकता है, खासकर खाली पेट। जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल अधिक रहता है, उन्हें सुबह खाली पेट दूध या दूध से बने भारी पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए।
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