गट हेल्थ हमारी ओवरऑल सेहत पर सीधा असर डालती है। अगर आपको अक्सर पेट की समस्या, गैस या एनर्जी की कमी महसूस होती है तो इसका कारण गट में फाइबर की कमी हो सकता है। फाइबर की कमी होने से पाचन से जुड़ी दिक्कत, थकान और कमजोरी की परेशानी होती है। फाइबर केवल पेट के लिए नहीं बल्कि हमारी इम्यूनिटी और एनर्जी के लिए भी जरूरी है। बॉडी में फाइबर की कमी होने पर कुछ संकेत दिखते हैं जैसे पेट सुस्त या असहज महसूस होना,कब्ज़ या अनियमित पाचन, ब्लोटिंग और गैस, वजन बढ़ना या नियंत्रण में कठिनाई, ऊर्जा की कमी और थकान, खाली पेट जल्दी भूख लगना, स्किन और इम्यूनिटी में बदलाव और ब्लड शुगर असंतुलन होना। ये संकेत आपके शरीर में फाइबर की कमी के हो सकते है। फाइबर सिर्फ पाचन में मदद ही नहीं करता, बल्कि ये और भी कई तरह के फायदे भी पहुंचाता है।

फाइबर का शरीर में रोल

फाइबर पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में मदद करता है। नियमित बाउल मूवमेंट्स को बढ़ावा देता है। गुड गट बैक्टीरिया (gut microbiome) के विकास में मदद करना। एक संतुलित गट आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है और स्किन को चमकदार और साफ़ बनाता है। फाइबर सूजन को कम करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है और अच्छी सेहत का आधार बनता है। न्यूट्रिशनिस्ट्स बताते हैं कि रोज़मर्रा के भोजन में पर्याप्त फाइबर शामिल करना ऊर्जा बढ़ाने, पाचन सुधारने और लंबी उम्र तक स्वस्थ बनाए रखने का सबसे सरल और नेचुरल तरीका है।

गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. पाल ने इंस्टाग्राम पोस्ट में फाइबर रिच फूड्स का सेवन करने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि फाइबर केवल कब्ज़ रोकने के लिए नहीं है, बल्कि यह गट माइक्रोबायोम को हेल्दी रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। गट माइक्रोबायोम सीधे आपकी इम्यूनिटी, मेटाबॉलिज़्म और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। डॉ. पाल ने यह भी बताया कि आजकल कई लोग ब्लोटिंग, एसिडिटी या अनियमित पाचन जैसी समस्याओं से परेशान हैं जिसका मुख्य कारण उनकी डाइट में पर्याप्त फाइबर की कमी है। एक्सपर्ट ने कुछ फाइबर रिच फूड्स की लिस्ट बताई है जिसे आप अपनी डाइट में शामिल करें तो पाचन में सुधार होगा, इम्यूनिटी मजबूत होगी और बॉडी स्ट्रांग होगी।

भुने हुए चने (Roasted Chickpeas) खाएं

डॉ. पाल के अनुसार भुने हुए चने गट हेल्थ के लिए सबसे सुविधाजनक और पोषक स्नैक्स हैं। 100 ग्राम में लगभग 17 ग्राम फाइबर होता है। इसमें अघुलनशील फाइबर अधिक होता है, जो नियमित बाउल मूवमेंट्स को बढ़ावा देता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है। इन्हें अकेले क्रंची स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है या सलाद पर छिड़ककर स्वाद और टेक्सचर बढ़ाया जा सकता है।

साबुत काली उड़द दाल (Whole Black Urad Dal) खाएं

यह फाइबर का एक और शानदार स्रोत है, जिसमें पका हुआ एक कप में लगभग 16 ग्राम फाइबर होता है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं और हेल्दी गट बैक्टीरिया को पोषण देते हैं। डॉ. पाल का सुझाव है कि इसे दाल मखनी, सूप या चावल के साथ खाया जाए।

चिया सीड्स (Chia Seeds) का करें सेवन

चिया बीज छोटे होते हैं, लेकिन फाइबर में बेहद समृद्ध हैं। 2 चम्मच में लगभग 10 ग्राम घुलनशील फाइबर होता है, जो पेट में जेल बनाकर पाचन धीमा करता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। इसे नाश्ते में दही के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। स्मूदी, ओवरनाइट ओट्स या पुडिंग में भी डाला जा सकता है।

रास्पबेरी (Raspberries) खाएं

एक कप रास्पबेरी में लगभग 8 ग्राम घुलनशील फाइबर होता है। यह गुड गट बैक्टीरिया को पोषण देती है। इसका मीठा और हल्का खट्टा स्वाद इसे सीरियल, दही या स्मूदी में डालने के लिए परफेक्ट बनाता है।

अमरूद (Guava)खाएं

हर फल में लगभग 5–6 ग्राम फाइबर होता है, इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर शामिल हैं। अमरूद पाचन में मदद करता है, कब्ज को रोकता है और पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इसे ताजा खाया जा सकता है, फलों के सलाद में मिलाया जा सकता है या स्मूदी बनाकर भी लिया जा सकता है।

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