Cold Intolerance: ठंड का सीजन लगभग शुरू हो चुका है, आने वाले एक-दो हफ्तों में ठंड और भी अधिक होगी। हर किसी का शरीर किसी भी मौसम में अलग प्रतिक्रिया देता है। कुछ लोगों को ठंड कम लगती है। वहीं, कई लोग शुरुआती सर्दियों में भी कंबल के अंदर दुबके रहते हैं। कई बार सामान्य तापमान में भी लोगों की ठिठुरन बढ़ जाती है। इस स्थिति को चिकित्सीय शब्दावली में कोल्ड इनटॉलरेंस कहा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ये समस्या महिलाओं को अधिक परेशान करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मेटाबॉलिक रेट कम होता है। हालांकि, उनका मानना है कि अगर हर समय किसी व्यक्ति को ठंड अधिक लगती है तो ये कई बीमारियों के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
हाइपो थायरॉयड: कोल्ड इनटॉलरेंस की स्थिति हाइपो थायरॉयड के मरीजों में भी देखी जा सकती है। इस बीमारी में थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इस कारण शारीरिक कार्य प्रणाली भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को समय से दवाइयां लेनी चाहिए ताकि परेशानी ज्यादा न बढ़े। ज्यादा ठंड लगने के अलावा, थकान, ड्राय स्किन, मोटापा, अवसाद और याददाश्त का कमजोर होना हाइपो थायरॉयड का लक्षण है।
डायबिटीज: मधुमेह रोग एक जीवन शैली से जुड़ी बीमारी है जो आज के समय में बेहद आम हो चुकी है। ये बीमारी किडनी को भी प्रभावित करती है जिससे सर्कुलेशन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि मरीजों को ठंड ज्यादा महसूस होती है, खासकर पैर में। बार-बार पेशाब लगना, ज्यादा प्यास या भूख लगना, थकान और आंखों में धुंधलापन भी डायबिटीज रोग के लक्षण हैं।
एनीमिया: एनीमिया बीमारी में शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। कोल्ड इनटॉलरेंस भी इस रोग के कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं।
विटामिन बी12 की कमी: शाकाहारी लोगों में विटामिन बी12 की कमी देखी जाती है। इसके अलावा, 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में भी इस विटामिन की कमी हो जाती है। ज्यादा ठंड लगने के अलावा, कब्ज, दस्त, थकान, कम भूख लगना या फिर सांस लेने में दिक्कत भी इसके लक्षण हैं।