लिवर शरीर का वर्क हाउस है। तकरीबन 500 से ज्यादा बॉडी फंक्शन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। भोजन में मौजूद वसा और कार्बोहाइड्रेट को सुपाच्य बनाता है। शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, पाचन में सहयोग करता है। लेकिन सोचिए अगर इसमें कोई गड़बड़ी आ जाए तो समझ सकते हैं कि, शरीर में किस तरह की परेशानियां खड़ी हो सकती है। तो आज हम लिवर से जुड़ी हुई एक ऐसी समस्या के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आजकल बहुत तेजी से बढ़ रही है।
अपच और एसिडिटी से सावधान: यदि पेट में अपच, गैस, अफारा, गले में जलन या खट्टी डकारे आती हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि यही हल्की बीमारियां आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। लिवर हमारे शरीर का एक बहुत इंपॉर्टेंट ऑर्गन है और समझने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी भी आपके पेट में किसी तरह की कोई प्रॉब्लम आती है तो उसको इग्नोर न करें उसका तुरंत आप चेकअप कराएं।
सिर्फ अल्कोहल नहीं है कारण: नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर (Fatty Liver) डिसीज बहुत ही साधारण है, यह किसी को भी हो सकता है। मोटापा, लिवर में फैट बढ़ने का एक अहम कारण है। जंक फूड खाने से भी फैटी लिवर की स्थिति पैदा हो सकती है। यह भी इसका एक प्रमुख कारण है।
इन आदतों में बदलाव करें: यदि आप फैटी चीजों का सेवन करते हैं या फिर चीनी अधिक मात्रा में इस्तेमाल करते हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। लंबे समय तक बैठे रहना या फिर व्यायाम न करने से भी अपच की स्थिति पैदा हो सकती है। अपच के कारण फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।
ऐसे रखें लिवर का ख्याल: अपने जीवन शैली और खानपान में बदलाव करें। नियमित व्यायाम करें। पपीता लिवर के लिए फायदेमंद है ऐसे में पपीते का सेवन करना शुरू कर दें। चिकनाई वाली चीजें, मिठाई, तली हुई चीजें, नॉनवेज आदि से दूरी बनाना ही आपके लिए बेहतर रहेगा।
ऐसे समझें फैटी लिवर की समस्या: अगर आपको भूख कम लगती हो या फिर खाना खाने के बाद पेट में भारीपन महसूस होना, सुस्ती आना, अत्यधिक नींद आना, थकान महसूस करना, कब्ज के कारण पेट का फूलना या फिर पेट के इर्द-गिर्द फैट के बढ़ने से फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या हो सकती है। यह सभी शुरुआती लक्षण हैं। गंभीर स्थिति में पेशाब का पीला होना, आंखों में पीलापन दिखाई देना या फिर कभी- कभी त्वचा का पीला होना आदि लक्षण दिखने पर अपने डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।