डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कई कारणों से हो सकती है खराब डाइट, असंतुलित लाइफस्टाइल, लगातार तनाव, और कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे थायरॉइड या हार्मोनल इम्बैलेंस। अक्सर इसे केवल शुगर या फैट के सेवन से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन असल में यह एक जटिल बीमारी है। टाइप 2 डायबिटीज़ मुख्य रूप से इंसुलिन रेसिस्टेंस के कारण होती है, यानी शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के सिग्नल को सही तरह से नहीं पहचान पातीं और ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
डायबिटीज़ के जोखिम को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन, अनहेल्दी फैट का सेवन, ओवरवेट या मोटापा, बैठे रहना और व्यायाम की कमी, तनाव और नींद की कमी, इसके अलावा जेनेटिक्स और फैमिली हिस्ट्री भी डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं।
अक्सर हम लोग डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए मीठे फूड्स और फैट को कंट्रोल करने पर जोर देते हैं लेकिन क्या सच में डायबिटीज के लिए सिर्फ मीठे फूड्स और ऑयली फूड्स का सेवन जिम्मेदार है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज क्या सिर्फ डाइट में कार्ब्स और ऑयल का सेवन करने से होती है या इसके लिए कुछ और कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
टाइप-2 डायबिटीज के लिए फैट और कार्ब्स ही जिम्मेदार हैं क्या?
CK बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली,इंटरनल मेडिसिन में निदेशक,डॉ. मनीष अरोड़ा ने बताया टाइप 2 डायबिटीज़ एक क्रॉनिक बीमारी है जो जिंदगी भर साथ रहती है। ये बीमारी शरीर में ज्यादा शुगर या फैट के कारण होती है, लेकिन क्या यह सच है? डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा कि डायबिटीज़, विशेषकर टाइप 2 डायबिटीज़, सीधे तौर पर सिर्फ फैट या शुगर के सेवन से नहीं होती। ये एक जटिल स्थिति है, जो मुख्य रूप से इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) की वजह से होती है।
यानी शरीर की मांसपेशियों, फैट और लिवर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करतीं। इसका परिणाम होता है कि ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये बीमारी तब होती है जब शरीर इंसुलिन के प्रति रेसिस्टेंट हो जाता है या पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है।
क्या बढ़ता फैट डायबिटीज के लिए जोखिम कारण है?
वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मुंबई सेंट्रल डॉ. प्रणव घोडी, कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और डायबेटोलॉजिस्ट ने कहा ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए सिर्फ मीठा खाने को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए यह सिर्फ मीठा खाने का मामला नहीं है, बल्कि डायबिटीज के लिए जीवनशैली और डाइट भी महत्वपूर्ण हैं। शरीर में अतिरिक्त फैट, विशेषकर पेट के आसपास जमा होने वाला फैट, इंसुलिन रेसिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए एक बड़ा जोखिम कारक है। डॉ. अरोड़ा के अनुसार जितना अधिक आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) होगा, उतनी ही अधिक संभावना है कि आपको डायबिटीज़ हो। हालांकि फैट सीधे डायबिटीज़ का कारण नहीं बनता, अधिक बॉडी फैट होना जोखिम को बढ़ा देता है।
क्या बॉडी फैट डायबिटीज का कारण हैं?
डॉ. घोडी ने बताया कि वजन ही एकमात्र कारक नहीं है। ऐसे लोग जो बाहर से दुबले-पतले लगते हैं लेकिन उनके अंगों के पास छुपा हुआ फैट होता है, उन्हें भी डायबिटीज का जोखिम हो सकता है। एक्सपर्ट ने बताया डायबिटीज के लिए डाइट में फैट और शुगर का अधिक सेवन मोटापे और इंसुलिन रेजिस्टेंस में योगदान कर सकता है, जो टाइप 2 डायबिटीज़ की असली वजह हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक अत्यधिक शुगर वाला खाना वजन बढ़ाता है, और ज्यादा अनहेल्दी फैट डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ाता है। खराब डाइट, व्यायाम की कमी, तनाव और यहां तक कि जेनेटिक्स कारण भी डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
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