Immunity Boosting Yogasana: कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भारत में भी दिन-प्रतिदिन संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। देश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या भी साढ़े 5 लाख से अधिक हो चुकी है। इस कोरोना काल में हर कोई अपनी इम्युनिटी को  मजबूत रखना चाहता है ताकि वो इस खतरनाक  वायरस के संक्रमण से दूर रह सकें। बता दें कि कुछ अध्ययनों के अनुसार जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें इस वायरस से अधिक खतरा है। लोग कोरोना वायरस से बचने के हर संभव उपायों को अपना रहे हैं और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तमाम कोशिश कर रहे हैं। पर काफी कुछ करने के बावजूद भी कई लोगों की इम्युनिटी मजबूत होने का नाम नहीं लेता, ऐसे में आप इन योगासनों की मदद ले सकते हैं।

धनुरासन: धनुरासन करने से इम्युनिटी मजबूत करने में मदद मिलती है। इसको करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अपने घुटने को सिर की तरफ झुकाएं और दोनों हाथों से एड़ियों को मजबूती से पकड़ें। इस स्थिति में अपने पैर और बाजुओं को जितना ऊपर उठाकर स्ट्रेच कर सकते हैं करें। चेहरा सामने की ओर रखें और कुछ देर इसी पोजिशन में बने रहें। हालांकि, अगर आपके कंधे, कलाई, पीठ या गर्दन में चोट है तो इस आसन को करने से बचें। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को भी ये आसन नहीं करने की सलाह दी जाती है।

शीर्षासन: शीर्षासन को सबसे बेहतर योगासनों में से एक माना जाता है। इसे करने से ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसे करने के लिए सबसे पहले किसी प्लेन जगह पर चटाई या कार्पेट बिछा लें और उस पर वज्रासन की मुद्रा में दोनों हाथों को जोड़कर बैठ जाएं। अब अपनी चार उंगलियों को सिर के उपर रखें। इसके बाद आगे की ओर झुकें और अपने माथे को जमीन से सटाएं। दोनों हाथ की कोहनियों को जमीन पर रखें, अपने हाथ की उंगलियों को एक साथ फंसा कर रखें। सांस की गति को नॉर्मल रखते हुए और अपने हाथों पर जोर देकर पूरे शरीर का वजन सिर पर दें। अब सबसे पहले अपने कुल्हे को उठाएं और फिर उसी तरह दोनों पैरों को भी उठाएं। नियमित रूप से इस योग के अभ्यास से आपका पैर, कमर और सिर तीनों ही एक स्ट्रेट लाइन की तरह हो जाएगी।

मंडूकासन: इसे करने के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। चारों उंगलियों के बाच में अंगूठे को दबाकर मुट्ठी बांध लें। अब अपनी मुट्ठियों को नाभि के किसी भी तरफ रखें, इसी मुद्रा में सांस बाहर छोड़ें और पेट को अंदर की ओर दबाएं। उसके बाद धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें और मुट्ठी से नाभि को दबाएं। इस दौरान आपकी पीठ सीधी और चेहरा सामने की तरफ होना चाहिए। कुछ देर इस स्थिति में रहकर वापस पहले वाले पोजिशन में आ जाएं।