हम सभी को इस बात का पता है कि फल हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को लगता है कि फलों में मौजूद नेचुरल शुगर कंटेंट उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। सभी तरह के फलों में नेचुरल शुगर होता है और साथ ही उसमें काफी मात्रा में विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर भी पाए जाते हैं। फलों का नियमित सेवन तमाम तरह की बीमारियों को पनपने से रोकता है। इनमें ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, स्ट्रोक्स, मोटापा और कैंसर तक शामिल होते हैं। ऐसे में क्या फलों का सेवन करना डायबिटीज में नुकसानदायक है। चलिए, जानते हैं कि इस तथ्य के पीछे कितनी सच्चाई है।

डायबिटीज को कंट्रोल करने का मतलब है शरीर में ब्लड ग्लूकोज, ब्लड फैट्स, ब्लड प्रेशर और वजन को संतुलित रखना। बहुत से लोगों को इस बात का भ्रम है कि फलों के सेवन से शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। ऐसा फलों में नेचुरल शुगर की मौजूदगी की वजह से होता है। इन तथ्यों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। दरअसल ज्यादातर फलों में ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम से मध्यम स्तर पर होता है। ऐसे में यह अन्य कार्बोहाइड्रेट फूड्स के मुकाबले शरीर में ब्लड ग्लूकोज के स्तर को बहुत कम मात्रा में बढ़ाता है।

फलों में कार्बोहाइड्रेट की 15-20 ग्राम मात्रा पाई जाती है जो रोटी के एक टुकड़े में मौजूद कार्ब के बराबर होती है। इस हिसाब से देखें तो कोला के एक कैन में 35 ग्राम और चॉकलेट के एक टुकड़े में भी 35 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। ऐसे में अगर आपको कार्बोहाइड्रेट से युक्त फूड्स से परहेज करना ही है तो चॉकलेट्स, केक्स, बिस्कुट, फिजी ड्रिंक्स और अन्य स्नैक्स का सेवन बंद करिए। डायबिटीज में फलों और सब्जियों के सेवन से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता।