बच्चेदानी यानी गर्भाशय महिलाओं के शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है। जैसा कि नाम से साफ है इस अंग का मुख्य काम गर्भ धारण करना और उसमें भ्रूण का विकास कराना होता है। ऐसे में गर्भ धारण करने के लिए बच्चेदानी का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। हालांकि, आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और कई अन्य कारणों के चलते फाइब्रोइड की समस्या बेहद आम होती जा रही है।

आपने भी यूट्रस फाइब्रॉइड के बारे में सुना होगा। इसे आम भाषा में बच्चेदानी में गांठ होना कहा जाता है। वहीं, इस तरह की समस्या में किसी भी महिला को ना केवल गर्भ धारण से जुड़ी समस्याएं बल्कि कई अन्य तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। अब, क्योंकि आज के समय में ये समस्या बेहद आम हो गई है, ऐसे में यहां हम आपको बच्चेदानी में गांठ होने पर नजर आने वाले कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, इन संकेतों को पहचानकर आप समय रहते हैं सही इलाज के साथ समस्या को अधिक बढ़ने से रोक सकते हैं।

इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर ये गांठ होती कैसे है-

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फाइब्रोइड एक प्रकार का ट्यूमर है लेकिन ये आमतौर पर गैर-कैंसरयुक्त होता है। बात कारण की करें, तो
हार्मोनल इंबैलेंस और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को बच्चेदानी में गांठ होने का सबसे अहम कारण माना जाता है। इसके अलावा जेनेटिक कारणों के चलते भी किसी महिला को ये समस्या घेर सकती है। ऐसे में PCOS और PCOD से जूझ रही महिलाओं में यूट्रस फाइब्रोइड होने का खतरा अधिक रहता है।

कैसे पहचानें बच्चेदानी में गांठ होने के लक्षण?

बात लक्षणों की करें, तो बच्चेदानी में गांठ होने पर बार-बार पेशाब आना, मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव या खून के थक्के नजर आना, पेट के निचले हिस्से में सूजन या दर्द होना, अनियमित और लंबे समय तक रहने वाले पीरियड्स, अचानक वजन का अधिक बढ़ जाना, थकान और पैरों में हमेशा सूजन रहने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।

इन संकेतों को आम न समझते हुए तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लें। इस तरह के लक्षण नजर आने पर एक्सपर्ट्स आमतौर पर अल्ट्रासाउंड, एमआरआई या हिस्टेरोस्कोपी की सलाह देते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।